देवबंद दारुल उलूम ने नया फतवा जारी किया है. ये फतवा है अंग्रेजी के खिलाफ जिसमें कहा गया है कि अगर किसी छात्र ने इंग्लिश की पढ़ाई की तो उसे संस्थान से निकाल दिया जाएगा. उसके खिलाफ निष्कासन जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस्लामिक तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने छात्रों के लिए ये जो नया फरमान जारी किया है. इसका सोशल मिडिया में जमकर विरोध भी हो रहा है. इस आदेश के तहत कोई भी छात्र दारुल उलूम में पढ़ाई के दौरान इंग्लिश या किसी दूसरी भाषा का ज्ञान नहीं ले सकता. दारुल उलूम ने साफ कहा है कि आदेश न मानने वाले छात्र का सीधा दाखिला रद्द कर दिया जाएगा.
दरअसल इस फरमान में दारुल उलूम ने कहा कि यहां दीनी तालीम के दौरान तलबा को अंग्रेजी आदि दीगर तालीम से दूर रहना होगा. अगर कोई छात्र इसमें संलिप्त पाया जाता है तो उनका निष्कासन कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि यहां कई छात्र ऐसे थे, जो दीनी तालीम तो दारुल उलूम से हासिल करते थे लेकिन बाहर अंग्रेजी और कंप्यूटर के क्लासेज भी जॉइन करते थे.
यह आदेश उन छात्रों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जो दीनी शिक्षा के साथ ही निजी रूप से इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स या फिर अन्य आधुनिक शिक्षा से संबंधित विषयों की पढ़ाई में रुचि रखते हैं. ऐसे छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. हालांकि इस फरमान के बाद जब इसका विरोध होना शुरु हुआ तो अब सफाई भी पेश की जा रही है.