Sambhal Neja Mela : उत्तर प्रदेश का संभल जिला अभी भी शांत नहीं है, अभी भी उस जिले में अमन चैन नहीं हैं, कहते हैं वहां के लोग महफूज़ तो हैं लेकिन मायूस भी हैं। बीते दिन संभल में जो हुआ उससे कुछ ठीक तो है, लेकिन सब कुछ ठीक नहीं हैं। जिस तरह से 24 नवंबर को हिंसा भड़की और देखते ही देखते अचानक से जिले में इतना सब कुछ हो गया जिसकी किसी ने कल्पना तक भी नहीं की होगी।
संभल में नहीं लगेगा सालार मसूद की याद में मेला
होली के दौरान संभल के सीओ अनुज चौधरी का जो बयान वायरल हुआ उससे कोई परे नहीं हैं। तमाम मंत्रियों समेत मुख्यमंत्री का भी अनुज चौथरी को साथ मिला उधर विपक्षी ने हमला बोला लेकिन इसी बीच एक और बयान वायरल हो रहा वो भी संभल से ही जुड़ा हुआ है। संभल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र ने कहा कि किसी भी ”आक्रमणकारी के नाम पर मेला नहीं लगेगा’ और ऐसा करने की कोशिश करने वालों पर सख़्त कार्रवाई होगी।” उत्तर प्रदेश के संभल में सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला नहीं लगेगा। पुलिस ने साफ कहा कि “लुटेरों के नाम पर होने वाले मेले को अनुमति नहीं दी जाएगी।
जानिए कौन था सालार मसूद गाजी
उत्तर प्रदेश के संभल में सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला इस साल नहीं लगेगा। पुलिस ने आयोजकों से साफ कह दिया है कि लुटेरों के नाम पर लगने वाले मेले के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस ने यह कदम तब उठाया जब दूसरे पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई थी। मसूद गाजी को देश को नुकसान पहुंचाने वाला शख्स बताया था। उसका गुणगान करने वाले मेले का आयोजन न होने देने की अपील की थी। मेले का आयोजन करने वाली नेजा कमेटी से बातचीत में ASP श्रीशचंद्र ने कहा कि “सालार मसूद गाजी क्रूर आक्रांता था। सालों से चली आ रही कुरीति को खत्म करने का वक्त आ गया है। सोमनाथ मंदिर लूटने वालों के नाम पर मेला नहीं लगेगा।”
सालार मसूद ने सोमनाथ मंदिर तोड़कर की थी लूट
दुनिया के सबसे क्रूर शासकों में महमूद गजनवी को गिना जााता है। वो गजनवी जिसने गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया और लूटपाट की। शिवलिंग को खंडित किया और 20 मिलियन दीनार लूटकर ले गया। साल 1026 में भीम प्रथम के शासन के दौर में तुर्क मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनवी ने मंदिर पर यह हमला किया था। सालार मसूद गाजी उसी मोहम्मद गजनवी का भांजा और सेनापति था। उसने कई बार मंदिरों को लूटा था। सालार ने सबसे बड़ा हमला सोमनाथ मंदिर काठियावाड़ पर किया था। 1026 ई. में हुए इस हमले को हिंदुओं की आस्था पर सबसे बड़ी चोट कहा जाता है।
मसूद गाजी की कब्र पर हंगामा
सालार हिन्दुस्तान में हमले करते हुए 1033 ई. में उत्तर प्रदेश के बहराइच पहुंचा। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में उसने राजाओं को ललकारा और लूट मचाने की कोशिश की। सालार का सामना श्रावस्ती के महाराजा सुहेलदेव राजभर से हुआ। उन्होंने उस दौर के 21 राजाओं के साथ मिलकर एक संयुक्त सेना तैयार की। सालार और राजाओं की संयुक्त सेना के बीच भीषण जंग हुई। महाराजा सुहेलदेव ने सालार को करारी शिकस्त दी। जंग में हार के साथ उसे जान भी गंवानी पड़ी। जंग में मौत के बाद उसकी सेना ने बहराइच में ही उसे दफनाया गया। यहीं सालार मसूद गाजी की कब्र है।
लोकसभा चुनाव में भी सालार मसूद गाजी की कब्र का मुद्दा उठा था। . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में सालार को सोमनाथ मंदिर का सबसे बड़ा दोषी बताने के साथ कहा था बहराइच की जमीन पर जो हाल उसका हुआ था। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सालार मसूद गाजी की याद में नेजा मेला का आयोजन होता है। यह मेला होली के बाद लगाया जाता है। मेला कमेटी ने 25, 26 और 27 मार्च को मेला लगाने का ऐलान किया था। फिलहाल इस पर ब्रेक लगा दिया गया है।