Waqf Ammendment Bill News : वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। लोकसभा में वही हुआ जिसकी मोदी सरकार को उम्मीद थी। वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में करीब 10 घंटे से अधिक चर्चा की गई, और आखिरकार इसे लोकसभा से मंजूरी मिल गई। लोकसभा में बुधवार, 2 मार्च को करीब 12 बजे केंद्रिय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल पेश किया था। जिसके बाद इस पर 10 घंटे की चर्चा और बहस के बाद इसे पास कर दिया। वक्फ बिल का पूरा नाम है वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024। वक्फ बिल को अब लोकसभा से मंजूरी मिल गई है। बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े। देर रात 1.56 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ये ऐलान किया, कि लोकसभा से बिल पास हो गया।
लोकसभा में पास हुआ वक्फ बिल
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को विधेयक सदन में पेश किया था। इस पर लोकसभा में उन्होंने कहा कि “यह बिल मुस्लिम समुदाय के हित में है। वक्फ विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिल गई है। बिल को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली। इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 का निरसन करने वाला मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी सदन में ध्वनि मत से पारित हुआ।
#BreakingNews | लोकसभा में पास हुआ वक्फ बिल
➡️वक्फ बिल के समर्थन में 288 वोट पड़े
➡️232 सांसदों ने बिल के खिलाफ वोट किया
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) April 3, 2025
10 घंटे तक चली बिल पर चर्चा
द वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर विचार के लिए जब किरेन रिजिजू ने प्रस्ताव रखा तो विपक्ष के कुछ सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की। जिसके बाद इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े। लॉबी क्लीयर करने के बाद कई सदस्यों को सदन में दाखिल होने देने को लेकर विवाद भी हुआ। सिर्फ लॉबी से ही सदस्यों को अंदर आने दिया गया है। किसी को भी बाहर से आने की अनुमति नहीं दी गई है। बता दें कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा में मौजूद नहीं थे।
लोकसभा में भाजपा के पास कितनी संख्या ?
गोरतलब हो कि, बिल को पास कराने के लिए लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत थी। यह संख्या केंद्र सरकार के पास मौजूद थी। लोकसभा में भाजपा के पास 240 सांसद मौजूद हैं। वहींं सहयोगी दलों को मिलाकर कुल संख्या 293 है। इस तरह से केंद्र सरकार के पास बिल पास कराने के लिए पूरा बहुमत मौजूद था। इस तरह से यह बिल लोकसभा से पास हो गया।
राज्यसभा में किया जाएगा पेश
लेकिन यह बिल लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में जाएगा। यहां से बिल पास कराना आसान नहीं होगा। क्योंकि मोदी सरकार के पास राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत मौजूद नहीं है।
- राज्यसभा की कुल 245 सीटें हैं
- 8 सीट अभी खाली है
- बहुमत के लिए 119 सांसदों की जरूरत है
- एनडीए के पास राज्यसभा में अभी 112 सांसद हैं
- राज्यसभा एनडीए बीजेपी (96)
- सहयोगी दल (16)
- मनोनीत 6
- निर्दलीय के समर्थन : 1
- विपक्ष (इंडिया ब्लॉक) के पास 85 (कांग्रेस (27), टीएमसी (13), सपा (10), डीएमके (10), अन्य (25))