Waqf Ammendment Bill 2025 : वक्फ संशोधन बिल 2025 के दोनों सदनों में पास होने के बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया। कई लोगों ने इसका समर्थन किया, तो कई लोगों ने इसका खुलकर विरोध भी किया। इस बीच,ऑल इंडिया वुमेन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी वक्फ बिल का समर्थन कर दिया है। बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा-हम इस बिल का स्वागत करते हैं। ये मुस्लिम समाज, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं के हितों की सुरक्षा करेगा। यह बिल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने आगे कहा कि “इस नए कानून से समाज को लाभ मिलेगा। मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी और भी ज्यादा मजबूत होगी। मुस्लमानों के अधिकारों, गरिमा और सम्मान को नई दिशा देने की शुरुआत है। साथ ही सरकार ने कहा है वक्फ की जमीन पर जो कब्जे हैं, उसे हटाएगी।”
#BreakingNews | वक्फ कानून का विरोध करेगा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) April 10, 2025
पीएम मोदी का जताया आभार
शाइस्ता अंबर ने आगे बोलते हुए कहा “वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने की हम लोग काफी लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। आज तक किसी भी सरकार ने मुस्लिम समाज के लिए ठिक तरीके से काम नहीं किया। सभी ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। ऑल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल लॉ बोर्ड पीएम नरेंद्र मोदी का इस बिल के लिए आभार व्यक्त करती है।”
वक्फ बिल बन गया कानून
वक्फ बिल को हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है, जिससे यह एक नया कानून बन गया है। इस बिल को वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 कहा जाता है और इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाना है। यह विधेयक संसद में लंबी चर्चा के बाद पारित किया गया था, जिसमें विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्तियां व्यक्त की थीं ¹।
- वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता: नए कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
- अल्पसंख्यक समुदाय के लिए लाभ: सरकार का दावा है कि यह कानून अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं और गरीब मुसलमानों के लिए लाभकारी होगा।
- नए कानून में वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए नए प्रावधान किए गए हैं।
- विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक बताया है।
धार्मिक स्वायत्तता का उल्लंघन: कुछ सांसदों ने आरोप लगाया है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता का उल्लंघन करता है।
इस नए कानून के बाद वक्फ बोर्ड के कामकाज में कई बदलाव आएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कैसे लाभकारी साबित होता है।