West Bengal Teacher Recruitment : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने का फैसला लिया है। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी सरकारी स्कूलों में 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने का फैसला सुनाया था। इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “पूरी प्रक्रिया दूषित है।”
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में बोले CJI संजीव खन्ना
इस मामले पर फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा “व्यापक अनियमितताओं के कारण पूरी चयन प्रक्रिया को दोषपूर्ण घोषित करना सही है।” हालांकि ” SC ने स्पष्ट किया कि पहले भर्ती किए गए लोगों को अपनी नौकरी के दौरान प्राप्त वेतन वापस करने की आवश्यकता नहीं है। नई चयन प्रक्रिया को 3 महीने के भीतर शुरू करके पूरा करना होगा। इस प्रकिया में कुछ बेदाग उम्मीदवारों के लिए छूट भी हो सकती है।”
4 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
साथ ही इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि ” हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर भी अलग से सुनवाई की जाएगी।” बता दें कि “पिछले साल मई को सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही इस मामले पर सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे।” उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, कि इनमें से जितने लोगों की भर्ती भ्रष्टाचार के जरिए हुई है। उन सभी को जल्दी बाहर करना होगा।
ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
राज्य सरकार की तरफ से दावा किया गया कि 7-8 हज़ार लोगों ने गलत तरीके से नौकरी पाई है। वहीं कोर्ट का मानना था कि इस बारे में संतोषजनक आंकड़ा रखा नहीं गया। सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ” राज्य सरकार को इस नियुक्ति से जुड़ा डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए था।”