भारत के अंडरवर्ल्ड में कुख्यात बिश्नोई ब्रदर्स की जोड़ी एक बार फिर सुर्खियों में है। बड़ा डॉन लॉरेंस बिश्नोई बीते तीन सालों से गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, वहीं अब उसका छोटा भाई और उभरता गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई तिहाड़ सेंट्रल जेल पहुंच चुका है। अनमोल की तिहाड़ में एंट्री ने देश की सबसे हाई-सिक्योरिटी जेल को फिर से गैंगवार और अंडरवर्ल्ड की साजिशों का केंद्र बना दिया है।
एनआईए की रिमांड पूरी होने के बाद गृह मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों से बड़ा आदेश जारी किया है। इसके तहत अगले एक साल तक किसी भी राज्य की पुलिस या एजेंसी अनमोल बिश्नोई को अपनी कस्टडी में नहीं ले सकती, यानी पूछताछ या जांच के लिए एजेंसियों को सीधे तिहाड़ जेल के भीतर ही जाना होगा। यह वही प्रावधान है जो पहले लॉरेंस बिश्नोई पर लागू था। तिहाड़ जेल का नाम पहले ही लॉरेंस बिश्नोई के कारण कुख्यात हो चुका है। आरोप है कि इसी जेल से उसने अपने गैंग और पूरे सिंडिकेट को नियंत्रित किया। मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की साजिश में भी लॉरेंस के जेल से नियंत्रण की बात सामने आई थी।
अनमोल की मौजूदगी से तिहाड़ जेल की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है। इसके अलावा गैंग्स के बीच बंटवारा भी एक गंभीर मुद्दा है। कभी लॉरेंस बिश्नोई का करीबी गोल्डी बराड़ अब उससे अलग हो चुका है। इसके अलावा रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़ गैंग और बंबीहा, जग्गू भगवानपुरिया, कौशल, नीरज बवाना जैसे गैंग खुले तौर पर बिश्नोई गैंग के विरोध में खड़े हैं। कई विरोधी गैंग के सदस्य पहले से तिहाड़ में बंद हैं, जिससे जेल के भीतर टकराव और हिंसा की आशंका बढ़ गई है।
कुल मिलाकर, तिहाड़ जेल में अनमोल बिश्नोई की एंट्री ने अंडरवर्ल्ड की साजिशों, गैंग वार और सुरक्षा को लेकर नई चुनौती खड़ी कर दी है।











