दरभंगा (बिहार), 18 दिसंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना अब विवादों में घिर गई है। इस योजना के तहत जीविका समूह से जुड़ी करीब 1.4 करोड़ महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये ट्रांसफर किए गए थे। लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण दरभंगा के जाले ब्लॉक के अहियारी गांव में कुछ पुरुषों के खातों में भी यह राशि पहुंच गई।अब जीविका अधिकारियों ने इन पुरुषों को रिकवरी नोटिस भेजकर पैसा वापस मांग लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि दिवाली और छठ पर यह राशि खर्च हो चुकी है, अब वापस करने की स्थिति में नहीं हैं। कुछ ने मजाकिया लहजे में कहा, “हमने NDA को वोट दिया, हिसाब बराबर हो गया। पैसा वापस चाहिए तो पहले वोट लौटाओ।”विकलांग नागेंद्र राम और बलीराम साहनी जैसे लाभार्थियों ने कहा कि उन्होंने योजना के लिए आवेदन ही नहीं किया था। पैसा अचानक आया और खर्च हो गया। नागेंद्र राम ने पूछा, “चुनाव जीतने के बाद अब क्यों नोटिस भेज रहे हैं?”
गांव की महिलाएं भी कह रही हैं कि अगर पैसा वापस चाहिए तो वोट पहले लौटाएं।सरकार का कहना है कि यह तकनीकी त्रुटि थी, खासकर दिव्यांग समूहों में डेटा एंट्री की गलती से हुई। राज्यभर में करीब 470 पुरुषों को गलती से राशि मिली। विपक्षी RJD ने इसे चुनावी हड़बड़ी करार दिया और वोट खरीदने का आरोप लगाया। हालांकि, सरकार कोई जबरन वसूली नहीं करेगी।यह मामला बिहार की राजनीति में नया तूफान ला रहा है, जहां महिला सशक्तिकरण की योजना अब सियासी हथियार बन गई है।








