सिडनी में यहूदियों पर हमला: 5 बड़ी बातें और बढ़ते यहूदी-विरोधी भावना का मुद्दा सिडनी के मशहूर बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को हनुक्का उत्सव के दौरान एक भयानक आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। यह ऑस्ट्रेलिया के इतिहास की सबसे घातक गोलीबारी घटनाओं में से एक थी, जो स्पष्ट रूप से यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर की गई। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इसे “शुद्ध बुराई का कार्य, यहूदी-विरोधी और आतंकवाद” करार दिया। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी घटनाओं की बढ़ती संख्या पर फिर से ध्यान खींचा है। यहां इस हमले की 5 बड़ी बातें और इससे जुड़े मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है।

1. हमले का विवरण और लक्ष्यहनुक्का के पहले दिन “चानुका बाय द सी” नामक उत्सव में सैकड़ों यहूदी परिवार इकट्ठा हुए थे। दो हमलावरों (कुछ रिपोर्ट्स में पिता-पुत्र जोड़ी) ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जो करीब 10 मिनट चली। हमला बॉन्डी बीच के पार्कर पार्क क्षेत्र में हुआ, जहां मेहनोराह जलाने का कार्यक्रम चल रहा था। पुलिस ने इसे आतंकवादी घटना घोषित किया, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से यहूदी समुदाय को लक्ष्य बनाकर किया गया। पीड़ितों में रब्बी एली श्लैंगर जैसे प्रमुख समुदाय सदस्य शामिल थे, जो चाबाड ऑफ बॉन्डी के सहायक रब्बी थे।
2. मरने वालों और घायलों की संख्याविभिन्न रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या 11 से 16 तक बताई गई, लेकिन अधिकांश स्रोतों में कम से कम 15 मौतें और 30-40 घायल होने की पुष्टि है। पीड़ितों में बच्चे, बुजुर्ग और होलोकॉस्ट सर्वाइवर भी शामिल थे। एक हमलावर भी मारा गया, जबकि दूसरा घायल होकर अस्पताल में है। यह 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार के बाद ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी गोलीबारी घटना है।
3. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और निंदा दुनिया भर के नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “शुद्ध यहूदी-विरोधी हमला” कहा। ब्रिटिश राजा चार्ल्स तृतीय, जर्मन चांसलर और फ्रेंच राष्ट्रपति ने भी शोक व्यक्त किया। इजरायली राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने इसे “यहूदी भाइयों-बहनों पर क्रूर हमला” बताया। ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रीय झंडे आधे झुके रहे, और सरकार ने यहूदी समुदाय की सुरक्षा बढ़ाने का वादा किया।
4. हमलावरों की पहचान और मकसदपुलिस ने हमलावरों को पिता-पुत्र बताया, जिनके पास लाइसेंस प्राप्त हथियार थे। मकसद स्पष्ट यहूदी-विरोधी था, जो 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते यहूदी-विरोध से जुड़ा माना जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में ईरान से लिंक का जिक्र है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
5. ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोध की बढ़ती लहरयह हमला अकेला नहीं है। एग्जीक्यूटिव काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलियन ज्यूरी (ECAJ) की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 तक 1,654 यहूदी-विरोधी घटनाएं दर्ज हुईं – जो पूर्व वर्ष की तुलना में 19% कम लेकिन 7 अक्टूबर 2023 से पहले के औसत से 5 गुना ज्यादा हैं। इसमें सिनागॉग पर आगजनी, ग्रेफिटी, कारें जलाना और हमले शामिल हैं।34% यहूदियों का अपनी पहचान छिपाना: एक गंभीर मुद्दाऑस्ट्रेलिया के करीब 1.2 लाख यहूदियों में डर का माहौल है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कई यहूदी सार्वजनिक रूप से अपनी पहचान छिपा रहे हैं – जैसे किप्पा न पहनना, मेजुजा हटाना या स्टार ऑफ डेविड ज्वेलरी न पहनना।

एक सर्वे में 38-40% यहूदियों ने कहा कि वे युद्ध के बाद अपनी यहूदी पहचान प्रदर्शित करने का तरीका बदल चुके हैं। यूनिवर्सिटी छात्रों में 64% ने यहूदी-विरोध का सामना किया, और कई कैंपस से दूर रहते हैं। यह डर इसलिए क्योंकि घटनाएं मुख्यधारा में घुस चुकी हैं – यूनिवर्सिटी, कार्यस्थल और सड़कों पर। समुदाय नेता कहते हैं कि यह “यहूदी जीवन के भविष्य” को प्रभावित कर रहा है, और कुछ ऑस्ट्रेलिया छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। यह घटना ऑस्ट्रेलिया जैसे बहुसांस्कृतिक देश के लिए चेतावनी है। सरकार ने सुरक्षा बढ़ाई और कड़े कानूनों का वादा किया, लेकिन समुदाय का कहना है कि यहूदी-विरोध अब “मुख्यधारा” बन चुका है। उम्मीद है कि यह हमला समाज को एकजुट करेगा और नफरत के खिलाफ मजबूत कदम उठाए जाएंगे।













