प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) से उनके ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से भारत लौटने के एक दिन बाद मुलाकात की। पीएम मोदी ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें शुभांशु ने अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि जब ऊपर जाते हैं तो वहां का वातावरण अलग है, ग्रेविटी नहीं है। जहां कैप्सूल में स्वतंत्र रूप से घूमा जा सकता है। शुभांशु ने उन्हें अपने स्पेस मिशन के एक्सपीरियंस के साथ-साथ यह भी बताया कि विदेश के एस्ट्रोनॉट भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में क्या सोचते हैं।
‘दिल की धड़कने हो जाती हैं धीमी’
शुभांशु (Shubhanshu Shukla) ने अंतरिक्ष में शारीरिक बदलावों के बारे में कहा, “अंतरिक्ष में जाने के बाद शारीरिक रूप से कई बदलाव होते हैं। दिल की धड़कनें धीमी हो जाती हैं। चार-पांच दिन बाद शरीर उस माहौल में ढल जाता है, लेकिन पृथ्वी पर लौटने पर फिर वही बदलाव महसूस होते हैं। चाहे कितने भी स्वस्थ हों, जमीन पर उतरते ही चलना मुश्किल होता है।” उन्होंने बताया कि पहला कदम रखते ही वह गिरने लगे थे और लोगों ने उन्हें सहारा दिया, क्योंकि दिमाग को जमीन पर चलने के लिए समय चाहिए होता है।
मूंग और मेथी के प्रयोग के बारे में शुभांशु ने बताया
मूंग और मेथी के प्रयोग पर शुभांशु ने कहा, “लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी, जो मुझे हैरान करता है। अंतरिक्ष स्टेशन में फूड एक बड़ी चुनौती है। जगह कम है, कार्गो महंगा है। लेकिन स्पेस में मूंग और मेथी को छोटी जगह में आसानी से उगाया जा सकता है। थोड़ा पानी डालने पर 8-10 दिनों में वे अंकुरित हो जाते हैं।
भारतीयों के बारे में क्या सोचते है विदेशी?
विदेशियों के भारतीयों के प्रति विचार पर शुभांशु ने बताया, “मेरे अनुभव में, जहां भी गया, लोग मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए। उन्हें भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति, खासकर गगनयान, की जानकारी थी। मेरे क्रू मेम्बर मुझसे साइन करवाकर लिखकर लेकर गए हैं कि जब भी गगनयान जाएगा तो आप हमें बुलाएंगे। हमें जल्दी से जल्दी आपके व्हीकल में बैठकर जाना है।”
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) August 19, 2025