Shubhanshu Shukla Axiom 4: 25 जून 2025 को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी और भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। फ्लोरिडा के नासा कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किए गए ड्रैगन यान के जरिए शुक्ला ने अंतरिक्ष में प्रवेश किया। अंतरिक्ष से अपने पहले लाइव वीडियो कॉल में उन्होंने देशवासियों को नमस्कार किया और कहा, “मैं जीरो ग्रैविटी की आदत डाल रहा हूं, जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो।” यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।
शुभांशु शुक्ला ने किया वीडियो कॉल
शुक्ला ने वीडियो कॉल में अंतरिक्ष यात्रा को रोमांचक और अद्भुत बताया। उन्होंने कहा, “माइक्रोग्रैविटी में तैरना और पृथ्वी को ऊपर से देखना अविस्मरणीय अनुभव है। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा मुझे याद दिलाता है कि यह यात्रा 140 करोड़ भारतीयों की है।” उनकी यह बात देशभर में गर्व और उत्साह का संचार कर गई। शुक्ला ने यह भी बताया कि वह ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे, जो भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
शुभांशु शुक्ला के माता-पिता हुए भावुक
लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट हैं। उनकी इस उपलब्धि ने उनके परिवार, दोस्तों और पूरे देश को गौरवान्वित किया। लॉन्च के दौरान उनके माता-पिता भावुक हो गए, और लखनऊ के उनके स्कूल में शिक्षकों और छात्रों ने इस पल को लाइव देखकर जश्न मनाया। उनकी मां ने कहा, “यह हमारा नहीं, पूरे देश का गर्व है।” उनके पिता ने बताया कि शुभांशु बचपन से ही अंतरिक्ष के प्रति उत्साहित थे।
एक्सिओम-4 मिशन नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से आयोजित है, जिसमें शुक्ला के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं। यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करता है, जिसका लक्ष्य 2026 तक स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देना है। शुक्ला की यह यात्रा न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। उनके शब्द, “मैं बच्चे की तरह चलना सीख रहा हूं,” उनकी विनम्रता और उत्साह को दर्शाते हैं, जो हर भारतीय के दिल को छू गया।