सेना ने अदालत के फैसले पर नाखुशी जाहिर की
नई दिल्ली- पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ (Pervez Musharraf) पर देशद्रोह का मामला चल रहा है। जिसमें कल 17 दिसंबर को विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। मुर्शरफ की सजा को लेकर सियासत गरमा गई है वहीं अब पाकिस्तान की सेना भी मुशर्रफ के समर्थन में आ गई है। पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक बयान में अदालत के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि ‘समूची पाकिस्तानी सेना ने इस फैसले को पूरी पीड़ा के साथ महसूस किया है।
ISPR ने क्या कहा
ISPR (Inter–Services Public Relations) ने कहा कि मुशर्रफ, जिन्होंने सैन्य प्रमुख, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में 40 से अधिक सालों तक सेवा की है परवेज मुर्शरफ (Pervez Musharraf) देश की रक्षा के लिए युद्ध लड़े, वे निश्चित रूप से कभी देशद्रोही नहीं हो सकते। कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए सेना ने कहा कि विशेष अदालत ने जल्दबाजी में मामले को समाप्त करने के अलावा कानूनी प्रक्रियाओं को भी नजरअंदाज किया है।
क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर 3 नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला चल रहा है। बता दे कि यह मामला नवाज सरकार द्वारा दर्ज कराया गया था। यह मामला काफी समय से लंबित चल रहा था। जो कि दिसंबर 2013 में जाकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ।
वहीं 31 मार्च 2014 में परवेज मुशर्रफ को आरोपी करार दे दिया गया था। वहीं बता दे कि अपीलीय मंचों पर याचिकाओं के कारण पूर्व सैन्य शासक के मुकदमे में देरी हुई और परवेज मुर्शरफ शीर्ष अदालतों और गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद मार्च 2016 में पाकिस्तान से बाहर चले गए थे।