नई दिल्ली : दुनियाभर में एक तरफ जहाँ कोरोना का कहर लोगों को अपनी चपेट में ले रहा वही भारत सरकार ने पूरे भारत को लॉकडाउन किया हुआ है जिसको देखते हुए सभी राज्य सरकार हर तरफ से सभी क्षेत्रवासियों के मदद के लिए आगे आ रही है चाहे वो दिल्ली का सीएम हो या पंजाब का ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा अहम फैसला लिया है, सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर मुख्यमंत्री समेत राज्य में जनप्रतिनिधियों के इस महीने के वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। साथ ही, राज्य के कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की जा रही है।
यूनियनों से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया गया
बता दे इस बात की जानकारी अजित पवार ने दी है कि इस बात पर पहले सभी कर्मचारियों के यूनियनों से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया गया है। पवार ने एक आधिकारिक बयान में घोषणा की कि मुख्यमंत्री, सभी अन्य मंत्रियों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के मार्च महीने के वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की जाएगी
उन्होंने कहा कि जो प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की जाएगी और, जबकि तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती की जाएगी राज्य की नौकरशाही में शेष वर्गों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
पवार ने बताया कि विभिन्न कर्मचारियों की यूनियनों से बात करने के बाद ही यह निर्णय लिया गया है और मुझे उम्मीद है सभी जन प्रतिनिधि राज्य के वित्त विभाग के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी इस लड़ाई में राज्य के लिए एक मजबूत वित्तीय समर्थन की जरूरत है।’ पवार ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हो गई है जिसकी वजह से ये कदम उठाना पड़ रहा है ।
महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित 5 और नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 230 हो गई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है।