नई दिल्ली : Parliament Monsoon Session : संसद में इस साल का मानसून सत्र पूरी तरह से बर्बाद हो चुका हैं। विपक्ष के हंगामे के चलते मानसून सत्र का एक भी सत्र पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया हैं। बीते दिनों से संसद में होते हंगामे से सरकार के साथ -साथ जनता भी काफी नाराज हैं। मानसून सत्र के दौरान जनता के हित के लिए योजनाओं और सुविधाओं पर सरकार कुछ खास निर्णय लेती है लेकिन इस साल हंगामों के चलते ऐसा कुछ भी मुमकिन नहीं हो पाया जिसकी वजह से जनता काफी नाराज़ हैं।
मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ वो निंदनीय
बता दें ,आज सत्र का आखरी दिन था। लेकिन मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ वो निंदनीय था। विपक्ष का आरोप है कि बाहर से मार्शल बुलाकर विपक्षी सांसदों के साथ बदसलूकी की गई है। जिसके चलते हंगामा और बढ़ गया है। जिसकी सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी खूब तेज़ी से वायरल हो रही है। वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि किस तरह से विपक्ष के सांसद राज्यसभा के वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान बड़ी संख्या में मार्शल सांसदों को रोकने का प्रयास करते भी नज़र आ रही है। वीडियो फुटेज में यह भी साफ़ देखा गया है कि सांसदों और मार्शल के बीच एक दूसरे को रोकने के लिए लगातार धक्का-मुक्की भी हो रही है।
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Parliament Monsoon Session: हंगामे के दौरान राज्यसभा में पिटाई का आरोप
विपक्ष की महिला सांसदों ने मार्शल पर हंगामे के दौरान राज्यसभा में पिटाई का आरोप भी लगाया गया हैं। जिनमें सांसद फूलो देवी नेताम, अमी याग्निक और छाया वर्मा शामिल हैं। विपक्ष के हंगामें का कारण “इंश्योरेंस बिल:” हैं। विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा में जब “इंश्योरेंस बिल” जबरन पास किया जा रहा था। तब बाहर से कुछ मार्शल आये, जिन्होंने सांसदों के साथ बदसलूकी
की, इस दौरान महिला सांसदों को भी निशाना बनाया गया।
जिसके बाद गुरुवार को करीब 18 विपक्षी पार्टियों ने संसद से लेकर विजय चौक तक एक साथ मार्च निकाला, जिसके बाद राज्यसभा चेयरमैन वैंकेया नायडू से मिलकर इस पूरी घटना की जांच करने की अपील की। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई हैं।
विपक्ष द्वारा लगातार सरकार पर आरोप लगाये जा रहा है, तो वही सरकार का कहना है कि विपक्ष ने इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन करके सदन की मर्यादा को तोड़ा है जिसके बाद सरकार की ओर से भी विपक्षी सांसदों पर सख्त एक्शन करने की मांग की गई हैं।