नई दिल्ली: Jammu-Kashmir के माहौल में बदलाव का असर साफ नजर आने लगा है। कश्मीर घाटी में जगह-जगह लहराते राष्ट्रध्वज और विभिन्न होर्डिंग में तिरंगें की तस्वीरें स्थानीय जनभावनाओं को व्यक्त कर रही हैं। लोगों में राष्ट्रवाद और मुख्यधारा में विलीन होने की भावना से पुलिस भी अछूती नहीं रही है। श्रीनगर पुलिस ने अपने ट्विटर में बदलाव करते हुए लालचौक स्थित ऐतिहासिक घंटाघर के शिखर पर लहराते तिरंगे की तस्वीर को शामिल किया।
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Jammu-Kashmir: राष्ट्रध्वज को थामने से बचते थे
राष्ट्रध्वज सिर्फ सरकारी इमारतों और कुछ अन्य प्रतिष्ठानों पर या फिर सुरक्षा शिविरों में नहीं नजर आता था। इसके विपरीत कश्मीर में आए दिन अलगाववादियों और आतंकियों के समर्थक पाकिस्तानी झंडे लेकर गली-बाजारों में निकल आते थेे। उनके डर से आम लोग भी पाकिस्तानी झंडा उठाकर भीड़ का हिस्सा बन जाते रहे हैं। लोग आतंकियों व अलगाववादियों के फरमान पर स्वतंत्रता दिवस समारोह से भी दूर रहते और राष्ट्रध्वज को थामने से बचते थे।
Jammu-Kashmir से अनुच्छेद 370 हटे दो साल पूरे
पांच अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटे दो साल पूरे हुए हैं। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को ये फैसला लिया था और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया था। अनुच्छेद 370 हटने के दो साल पूरे होने पर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा राज्य की नई फिल्म शूटिंग पॉलिसी जारी की गई थी।
सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात
केंद्र सरकार की ओर से राज्य में कई अन्य स्कीम भी चलाई जा रही हैं। राज्य में एक बार फिर राजनीतिक हलचल को बढ़ावा देने, विधानसभा चुनाव करवाने को लेकर भी केंद्र सरकार द्वारा कोशिशें की जा रही हैं। कुछ वक्त पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की थी।
370 हटने के बाद ये नियम बदला
आपको बता दें कि जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370, 35ए लागू थी तब जम्मू-कश्मीर से अलग किसी राज्य का कोई निवासी वहां पर ज़मीन नहीं खरीद सकता था। लेकिन जब से जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और अनुच्छेद 370 को हटाया गया ये नियम बदल गया।