जनतंत्र डेस्क Bihar: दरवाजों पर फूल सजा दिए गए थे। स्वागत की तैयारियां जोरों पर थी, हंसी खुशी का माहौल था, अभिनंदन के बैनर पोस्टर लग गए। समर्थकों में होड़ मच गई कि नहीं नहीं…स्वागत में माल्यार्पण सबसे पहले मेरे ही हाथों होगा। ये नजारा था लालू यादव के घर और पार्टी कार्यालय का।बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में समर्थकों का उत्साह सातवें आसमान पर है। आखिर बात ही कुछ ऐसी है। दरअसल, मौका था लालू यादव के पटना आगमन का, आरजेडी प्रमुख लालू यादव करीब तीन साल बाद पटना लौटे, तो ये माहौल बनना तो स्वभाविक है। अब कार्यकर्ताओं में इतना उत्साह है तो परिवार की खुशी का अंदाजा भली भांति लगाया जा सकता है, लेकिन ये क्या, लालू के लाल तेजप्रताप क्यों धरने पर बैठ गए ?
दरअसल, लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप आरजेडी से बाहर हैं। उनका खुदका एक संगठन है जिसका नाम है छात्र जनशक्ति परिषद। शुरू से ही तेज प्रताप ने परिवार से हटकर अलग लय पकड़ी हुई थी। गाहे बगाहे तेज अपने पिता की पार्टी आरजेडी की आलोचना भी कर ही देते हैं। जिसमें वह आरजेडी के सीनियर नेताओं को भी घेर लेते हैं। अब जब लालू प्रसाद यादव के पटना वापसी की खबर आई तो तेज प्रताप यादव ने भी खुशी में ट्वीट किया।
रविवार 24 अक्टुबर को लालू प्रसाद यादव के आगमन पर तेज प्रताप भी स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए। तेज जब एयरपोर्टच पहुंचे तो उन्होंने आरोप लगाया कि तेजप्रताप को पिता से नहीं मिलने दिया गया। अब ऐसा क्यों हुआ ? दरअसल, तेज प्रताप चाहते थे कि, लालू यादव पटना पहुंचते ही सबसे पहले उनके घर पहुंचे, राबड़ी देवी से भी बाद में मिले। अब लालू के लाल की ये जिद तो पुरी हुई नहीं, लिहाजा वे रूठकर धरने पर बैठ गए।
Bihar: ‘जगदानंद सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक’
गुस्साए तेज प्रताप ने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, एमएलसी सुनील कुमार सिंह और तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव को दोषी बताया। जगदानंद सिंह को तो तेज ने RSS का एजेंट तक कह दिया। उन्होंने कहा कि जब वो अपने पिता से मिलने पहुंचे तो जगदानंद सहित कई लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
Bihar: बेटे को मनाने पहुंचे लालू यादव
लालू को सबसे पहले अपने घर ले जाने की तेजप्रताप की ख्वाहिश तो नहीं पुरी हुई। एयरपोर्ट से निकलने के बाद लालू सीधा राबड़ी देवी के आवास पहुंचे। हालांकि जब उन्हें खबर मिली कि तेज प्रताप गुस्सा हैं और अपने बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए है। तो लालू खुद अपने लाल को मनाने पहुंचे और बेटे को मनाकर उन्हें घर ले गए। तेज प्रताप के धरने के बाद लालू और राबड़ी देवी उनसे मिलने उनके घर पहुंचे। इस दौरान तेज ने अपने घर पर लालू यादव के पैर धोए। आखिरकार तेजप्रताप का गुस्सा शांत हुआ लेकिन क्या पार्टी से तेज की नाराजगी अभी मिटी है ?