जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: जहांगीरपुरी में दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि MCD की कार्रवाई पर रोक की स्थिति बरकरार रहेगी। इस मामले पर सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी। यानी दो हफ्ते तक MCD जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है।
जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, 1500 जवान तैनात
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि अवैध निर्माण बुलडोजर से ही गिराए जाते हैं और पूरे देश में ऐसी कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी उस याचिकाओं को लेकर की जिनमें यूपी एमपी समेत देश के कई हिस्सों में बुलडोजर से निर्माण ध्वस्त किए जा रहे हैं। इस फैसले का उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में हो रही ऐसी कार्रवाई पर असर नहीं पड़ेगा।
जहांगीरपुरी मामले में ऑपरेशन बुलडोजर के खिलाफ दायर याचिका पर दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल ने पैरवी की। MCD की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे। पैरवी जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच के सामने की गई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, एमसीडी की ये कार्रवाई एक समुदाय को टारगेट करने के लिए की जा रही है। वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा, एमसीडी की ये कार्रवाई सिर्फ अतिक्रमण के खिलाफ थी। उधर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने देशभर में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की, इससे कोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बिना बुलडोजर नहीं हो सकती।
कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा, सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें। हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा, हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है, तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं। कोर्ट ने साफ कर दिया कि यथास्थिति का आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है।