Sambhal Jama Masjid News: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahbad High Court) में मंगलवार, 4 मार्च को संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई पुताई से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई। आज कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) की रिपोर्ट पर अपनी लिखित आपत्ति दाखिल कर दी है। इसके बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए 5 दिनों की मोहलत मांगी है। इस पर कोर्ट ने 10 मार्च को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
कोर्ट ने ASI को दिया 10 मार्च तक का समय
आज हिंदू पक्ष की तरफ से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिलकर दिया गया है। हालांकि, हिंदू पक्ष मस्जिद कमेटी की आपत्ति पर अपना दूसरा जवाब 10 मार्च को दाखिल करेगा। वहीं उत्तर-प्रदेश सरकार की तरफ से भी अदालत में पक्ष रखा जाएगा। यूपी सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने अदालत को बताया कि “फिलहाल कानून व्यवस्था को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए जरुरी कदम भी उठाए गए हैं।” इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में बात रखी। साथ ही उन्होंने जामा मस्जिद को फैसले में विवादित स्ट्रक्चर लिखे जाने का अनुरोध किया।
मुस्लिम पक्ष ने दाखिल किया हलफनामा
वहीं मुस्लिम पक्ष ने अपनी लिखित आपत्ति में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से असहमति जताई है। मस्जिद पक्ष ने कहा कि “हर साल रमजान से पहले मस्जिद में रंगाई पुताई कराई जाती है। इसीलिए इस बार भी रंगाई-पुताई होनी जरुरी है। हालांकि, हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे में एएसआई की रिपोर्ट का समर्थन किया गया है। उन्होंने अपने हलफनामें में कहा ” मस्जिद कमेटी ढांचे से छेड़छाड़ करने के लिए रंगाई पुताई चाह रही है।”
बता दें कि इलाहबाद हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में मस्जिद में साफ़-सफाई की अनुमति दे दी थी। हालांकि 2 मार्च से रमजान का महीना चूरू हो चुका है। मस्जिद कमेटी ने रमजान शुरू होने से पहले रंगाई पुताई की इजाजत मांगी थी।