Bihar Politics : बिहार विधानसभा चुनाव को अब ज्यादा समय बाकि नहीं है। जिसके चलते बिहार की सियासत गरमाई हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार 16 मई, 2025 को कैबिनेट की बैठक हुई। बिहार सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है।
बिहार के गया का बदला नाम
इस बैठक में शहर का नाम बदलने पर सबसे बड़ा फैसला लिया गया है। बिहार का गया अब से ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा। गया का नाम जी रखने के पीछे पौराणिक कहानी बताई जाती है। बिहार की नीतीश सरकार के इस कदम से धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी सम्मानित किया जाएगा। यह नाम गया के स्थानीय पहचान को और भी निखारेगा।
गया जी की पौराणिक कथा
गया जी एक पवित्र शहर है। यहां गया नामक असुर राजा ने भगवान विष्णु की तपस्या की और उन्हें प्रसन्न किया। भगवान विष्णु ने उसे एक वरदान दिया कि उसके शरीर पर कोई भी पूजा या यज्ञ नहीं कर सकता। गया राजा ने इस वरदान का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया और उसने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया। देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी, जिन्होंने गया राजा को वश में करने के लिए एक योजना बनाई। भगवान विष्णु ने गया राजा को अपने शरीर पर एक यज्ञ करने के लिए कहा, जिससे वह देवताओं का ऋण चुका सके।
हिंदू धर्म में गया जी का काफी महत्व
गया राजा ने यज्ञ करने के लिए सहमति दी, लेकिन वह अपने वादे से मुकर गया। तब भगवान विष्णु ने अपने भक्तों के साथ मिलकर गया राजा को दबाने के लिए अपने पैर का उपयोग किया और उसे पृथ्वी पर दबा दिया। गया राजा ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि उसके नाम पर यह स्थान पवित्र माना जाए और यहां आने वाले लोगों को मोक्ष प्राप्त हो। तब से गया जी एक पवित्र शहर माना जाता है, जहां लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करते हैं। गया जी का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है और यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।