फिल्म- जाने जान
कलाकार- करीना कपूर खान, जयदीप अहलावत, सौरभ सचदेवा, नायशा खन्ना करमा टकामा और लिन लैशराम
लेखक- सुजॉय घोष और राज वंसत
निर्देशक- सुजॉय घोष
ओटीटी प्लेटफॉर्म- नेटफ्लिक्स
रश्मि सिंह| Janne Jaa Review: करीना कपूर के जन्मदिन पर उनकी फिल्म ‘जाने जान’ ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दस्तक दी है। “नेटफ्लिक्स” पर आई इस मर्डर मिस्ट्री में करीना कपूर के अलावा जयदीप अहलावत और विजय वर्मा जैसे मंझे हुए कलाकार हैं। वहीं इसका निर्देशन सुजॉय घोष ने किया है। लेकिन दर्शक के तौर पर सवाल यह उठता है कि क्या ये फिल्म देखने लायक है ? करीना कपूर खान और विजय वर्मा की केमस्ट्री अट्रैक्टिव है? क्या ये कहानी मर्डर साबित हो सकती है? आइए जानते हैं।
‘जाने जान’ की कहानी
‘जाने जान’ एक क्राइम-थ्रिलर है, जिसकी कहानी के केंद्र में एक अकेली मां और उसकी बेटी है। दोनों खुद को एक हत्या में उलझा हुआ पाते हैं। इस बीच उन्हें अपने पड़ोसी के रूप में सहयोगी मिलता है। वह एक साधारण, लेकिन जीनियस टीचर है। एक अकेली मां, माया डिसूजा (करीना कपूर) एक हत्या की जांच में उलझ गई हैं। पूर्व पति अजीत म्हात्रे (सौरभ सचदेवा) के साथ वह घरेलू हिंसा का शिकार रही हैं और अब अजीत की हत्या हो गई है। माया इस केस में मुख्य और एकमात्र संदिग्ध हैं। उसका पड़ोसी नरेन (जयदीप अहलावत) मैथ्स का जीनियस टीचर है। वह माया की मदद करता है, क्योंकि एक जिद्दी इंस्पेक्टर करण आनंद (विजय वर्मा) इस मामले की तह तक पहुंचना चाहता है। क्या माया खुद को बचा पाएगी या पकड़ी जाएगी? क्या इस कारण अब उसे अपनी बेटी तारा (नायशा खन्ना) को खोना होगा? फिल्म की कहानी इन्हीं सब सवालों का जवाब तलाशती है।
‘जाने जान’ फिल्म रिव्यू
सुजॉय घोष की यह फिल्म जापानी उपन्यास ‘द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट एक्स’ का रूपांतरण है। उपन्यास “कीगो हिगाशिनो” ने लिखी है। सुजॉय घोष अपनी इस क्राइम-थ्रिलर को हत्यारे की पहचान करने में नहीं, बल्कि यह पता लगाने में हैं, कि अपराधी ने पुलिस को कैसे चकमा दिया।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह स्पष्ट हो जाता है, कि इस मर्डर केस में जो दिखता है, सबकुछ उससे कहीं अधिक है। हालांकि प्लॉट में जो ट्विस्ट डाले गए हैं, वह रोमांच बढ़ाते हैं। फिर भी फिल्म में कुछ खामियां हैं, उदाहरण के लिए, पुलिस कार्यवाही करते हुए माया पर बहुत जल्दी शक कर लेती है। कई सारे सुराग भी आसानी से पा लेती है। कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब नहीं मिलता। एक क्राइम-थ्रिलर के अलावा ‘जाने जान’ में प्यार, बलिदान और जुनून के बीच की महीन रेखा भी देखने को मिलती है। सिनेमैटोग्राफर अविक मुखोपाध्याय ने सस्पेंस के माहौल को कैमरे में बखूबी कैद किया है। करीना कपूर ,विजय वर्मा और सभी कलाकार ने अपना किरदार बखूबी निभाया है।
क्यों देखें- यदि क्राइम और थ्रिलर फिल्में आपको पसंद हैं, कुछ ऐसा देखना चाहते हैं जो रहस्यमय हो और आपको देखने के साथ-साथ आपको सोचने का भी मौका दे, तो आप ‘जाने जान’ के साथ तालमेल बिठा लेंगे। हालांकि, किताब में कहानी की पकड़ और रफ्तार फिल्म से कहीं अधिक तेज है। यह आश्चर्य ही है कि सुजॉय घोष इस काम में चूक गए।