नई दिल्ली: Sugarcane: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गन्ने का एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) 5 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। बीते दिनों खाद्य मंत्रालय ने इसको लेकर कैबिनेट नोट जारी किया था। बता दें कि बीते सीजन में केंद्र सरकार ने एफआरपी को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 285 रुपये कर दिया था। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गन्ने का FRP 10 फीसद रिकवरी पर आधारित है।
यह भी पढ़ें- Monetization: 400 रेलवे स्टेशन और 90 यात्री रेलगाड़ियों का मौद्रिकरण करेगी सरकार
Sugarcane: गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य फिक्स
गोयल ने कहा कि अगर किसान की रिकवरी 9.5 फीसद है तो FRP 275 रुपए प्रति कुंतल होगा। हालांकि, हमारे किसानों ने अत्याधुनिक तकनीक की मदद से रिकवरी को बढ़ाया है। यानि किसानों के लिए गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 275 रुपए पर फिक्स रखा गया है।
(Sugarcane) एफआरपी बढ़ाने से किसानों को कितना फायदा
चीनी वर्ष अक्टूबर से शुरू होता है और अगले साल सितंबर में खत्म होता है आइए जानते हैं एफआरपी बढ़ाने से किसानों को कितना फायदा होगा। गन्ने की खेती से जुड़े किसानों का कहना है कि मौजूदा समय में गन्ने पर लागत बढ़ गई है इसीलिए सरकार को 25-30 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम बढ़ाने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया
सरकार के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि FRP 5 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 290 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल FRP में 10 रु प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी की गई थी।
गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे किसानों को भरोसा दिया कि इस नकदी फसल का मूल्य बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जाएगा, जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। मुख्यमंत्री ने यहां किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में 35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था।