Rednote एक चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। यह देखने में एकदम साधारण यूजर-जेनरेटेड कंटेंट ऐप जैसा लगता है। लेकिन पिछले कुछ ही महीनों में यह ऐप नॉर्थ इंडिया खासकर अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और असम में बेहद प्रभावशाली बन गया है। यहां के लोग सक्रिय रूप से इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत के लोग इसे सामन्य ऐप के तरह ही इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन चीन का इरादा को कुछ और ही है। इसका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान के कथित एजेंटों की तरफ से एक नए प्रकार के Psychological Warfare के लिए कर रहे हैं। आज के जमाने में युद्ध मैदान पर हथियारों के साथ नहीं बल्कि जानकारी, भावना और पहचान के साथ लड़ा जाता है।
क्या काम करता है Rednote?
Red Note ऐप का उद्देश्य झूठ फैलाना है। इसमें फर्जी भारतीय सैन्य दस्तावेज़ अपलोड किए जा रहे हैं। भारत के विवादित नक्शों, झूठी खबरों और AI जनरेटर वीडियो के जरिए यूजर को गलत जानकारी देने के कोशिश की जा रही है। इस ऐप का काम साइकोलॉजिकल ऑपरेशन करना है। यह एक ऐसा रणनीति है, जिसके जरिए देश की जनका के मनोविज्ञान को बदलने के लिए सूचना को एक हथियार में तब्दील किया जाता है। यह स्थानीय मुद्दों को और भी ज्यादा गंभीर को हानिकारक बनाता है। ताकि राज्य बनाम केंद्र की भावना को भड़काया जा सके। जिससे लोगों के बीच धार्मिक और जातीय तनाव पैदा हो सके और लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो जाएं। इस ऐप के जरिए भारत विरोधी विचारधारा को सामान्य और आकर्षक रूप में पेश किया जाता है।
भारत के लिए Rednote एक छिपा हुआ खतरा
Red Note के कंटेंट की जांच करने के बाद बेहद गंभीर और चिंताजनक खुलासा हुआ है। यहां बॉट्स और फेक प्रोफाइल के जरिए किसी भी कंटेंट को वायरल किया जाता है। ऐप पर भारत विरोधी सामग्री 15 अगस्त या 26 जनवरी जैसे खास मौके पर ज्यादा की जाती है। पूर्वोत्तर भारत भारत की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। Red Note जैसे ऐप्स लोगों के मन में भारत विरोधी भावनाएं पैदा कर सकते हैं। साथ ही देश की सेना के खिलाफ भी अविश्वास पैदा किया जा सकता है। इससे राज्य की एकता और भारत की अखंडता को सीधा खतरा है।
चीन-पाकिस्तान का भारत विरोधी अभियान
विशेषज्ञों की मानें तो यह कोई अलग घटना नहीं बल्की China-Pakistan Info-War Strategy का हिस्सा है। पाकिस्तान और चीन की दोस्ती को पूरी दुनिया जानती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी चीन ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था। पाकिस्तानी साइबर एजेंसियां और चीनी डेटा एनालिटिक्स फर्म भारत विरोधी अभियान को चलाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रही हैं।