Rajnath Singh Jammu Kashmir: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार, 15 मई को जम्मू कश्मीर पहुंचे है। उन्होंने यहां ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना के जवानों से मुलाकात की। साथ ही सेना को जवानों का मनोबल भी बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने सेना को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आपकी उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया। आपने जिस तरीके से, सीमा के उस पार पाकिस्तान की चौकियों और बंकरों को धवस्त किया, दुश्मन उसे कभी भूल नहीं पायेगा। आमतौर पर लोग जोश में होश खो देते हैं। लेकिन आपने, जोश भी रखा, होश भी रखा और सूझबूझ के साथ दुश्मन के ठिकानों को बर्बाद किया है।”
ऑपरेशन सिंदूर पर बोले राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत द्वारा चलाई गई, अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 35-40 वर्षों से भारत सरहद पार से चलाये जा रही आतंकवाद का सामना कर रहा है। आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। पहलगाम में आतंकवादी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुंचाने का काम किया, भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया। उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं। पाकिस्तान के ज़ख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे।”
#BreakingNews | ‘आतंकवादियों के द्वारा मारे गए निर्दोष नागरिकों को नमन’
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) May 15, 2025
पाकिस्तान पर क्या बोले राजनाथ?
पाकिस्तान पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि “रही बात पाकिस्तान की, तो वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है, कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है, कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है। अभी आपने सुना ही होगा, कि कैसे वह फिर एक बार, IMF के पास कर्ज मांगने गया। वहीं, दूसरी तरफ हमारा देश है, कि हम, आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो IMF को फंड देते हैं, ताकि IMF गरीब देशों को कर्ज़ दे सकें।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंत में कहा, “पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर जिम्मेदाराना तरीक़े से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार और धूर्त राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानि (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।”