जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: रूपहले पर्दे पर चमक धमक में रहने वाली एक अदाकारा जिसकी असल जिंदगी अंधेरे से भरी रही। 31 मार्च 1972 जब बॉलीवुड नायिका मीणा कुमारी ने महज 39 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। मीणा कुमारी के आखिरी दिन बेहद दर्दभरे रहे।
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मीना कुमारी ने साहिब बीबी और गुलाम, पाकीजा, मेरे अपने, बैजू बावरा, दिल अपना प्रीत पराई जैसी एक से बढ़कर एक हिट फिल्में की। मीना कुमारी ने डायरेक्टर-प्रोड्यूसर कमाल अमरोही से शादी की थी। लेकिन उनकी शादीशुदा जिंदगी किसी डरावने सपने से कमतर नहीं थी।
फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर होने के बावजूद कमाल ने मीना कुमारी पर कई पाबंदिया लगा रखी थीं। उनके साथ मारपीट भी होती थी। एक्ट्रेस नरगिस ने खुद एक बार मीना कुमारी के साथ मारपीट की आवाज सुनी थी। मीना कुमारी की निजी जिंदगी में इतना दर्द था कि शूटिंग में उन्हें रोने के लिए ग्लिसरीन की जरूरत नहीं पड़ी।
गरीब परिवार की मीना कुमारी की जिंदगी फिल्मों में आने के बाद बदल गई ती लेकिन दुखों से उनका नाता नहीं टूटा।
बेटी के जन्म से खुश नहीं थे पिता
मीना कुमारी के पिता अली बक्श बेटा चाहते थे, लेकिन घर में जन्म हुआ दूसरी बेटी का। वो तारीख थी 1 अगस्त 1933, गरीबी में गुजारा कर रहे परिवार के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसे नहीं थे। तंगहाली में अली बक्श ने उस बच्ची को अनाथ आश्रम में छोड़ने का फैसला किया। कुछ घंटों के बाद उन्होंने फैसला बदला और बच्ची को घर ले आए। बेटी को नाम दिया गया महजबीं।
अली बक्श फिल्म स्टूडियो में काम करते थे घर के हालात सही नहीं थे इसलिए वे 4 साल की महजबीं को अपने साथ स्टूडियो ले गए। महजबीं के लुक से खुश होकर डायरेक्टर विजय भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म लेदरफेस में कास्ट कर लिया। पहले दिन ही उन्हें 25 रुपए फीस मिली, जो उस समय काफी बड़ी रकम होती थी। ये फिल्म 1939 में रिलीज हुई, जिसके बाद घर की आर्थिक जिम्मेदारी 6 साल की महजबीं पर आ गई।
कमाल अमरोही से शादी
कमाल ने पहली बार मीना को तब देखा था, जब वो 5 साल की थीं। कमाल उन्हें अपनी फिल्म के लिए देखने गए थे। तब बात नहीं बनी। 14 साल बाद अशोक कुमार ने मीना का परिचय दोबारा कमाल से करवाया। कमाल ने मीना को फिल्म अनारकली ऑफर की। कुछ समय बाद मीना का एक्सीडेंट हुआ, वो अस्पताल में भर्ती रहीं। कमाल रोजाना उनसे मिलने जाया करते थे और जब पाबंदिया होती थीं, तो दोनों एक-दूसरे को खत लिखते थे। करीब 4 महीनों के इस सिलसिले में दोनों की मोहब्बत परवान चढ़ी और 14 फरवरी 1952 को दोनों ने गुपचुप तरीके से निकाह कर लिया। इस समय मीना महज 18 और कमाल 34 साल के थे।
पिता से भी छुपाई शादी की बात
मीना कुमारी की शादी कई दिनों तक सीक्रेट रही। इतनी की पिता को भी इसकी भनक नहीं थी। जब पिता को पता चला तो उन्होंने मीना पर तलाक का दवाब बनाया। ऐसा नहीं करने पर मीना को घर से बेदखल कर दिया गया।
शादी के बाद पाबंदी
कमाल अमरोही ने शादी के बाद मीना को काम करने की इजाजत तो दी, लेकिन कई पाबंदियों के साथ। मीना के मेकअप रूम में मेकअप आर्टिस्ट के अलावा किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। यहां तक की कमाल ने मीना पर नजर रखवानी भी शुरू कर दी थी।
साहिब, बीबी और गुलाम को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में जगह मिली, लेकिन कमाल ने मीना के साथ जाने से इंकार कर दिया और मीना फेस्टिवल में नहीं गई। शादी की अनबन मारपीट तक भी पहुंच गई थी। मीना की मौत के बाद उर्दू मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में नरगिस ने बताया कि उन्होंने मारपीट की आवाजें सुनी थीं। जब अगले दिन मीना से मिलीं तो उनकी आंखें सूजी हुई थीं।
क्रोनिक इन्सोम्निया ने बनाया नशे का आदी
लंबे वक्त तक तनाव के बाद मीना कुमारी को क्रोनिक इन्सोम्निया हो गया था। लंबे समय से नींद की दवाइयों का सहारा ले रहीं मीना को शराब की लत पड़ गई। नींद न आने पर डॉ ने उन्हें ब्रांडी लेने की सलाह दी थी लेकिन तलाक के बाद मीना नशे में डूबती चली गईं। मीना की मौत लिवर सिरोसिस के कारण हुई जो नशे के कारण हो गया था। बताया जाता है अपनी मौत से पहले मीना कुमारी को अंदाजा हो गया था कि वे ज्यादा दिन नहीं जिएंगी इसलिए उन्होंने अपने सभी प्रोजेक्ट खत्म करने शुरू कर दिए थे।