रश्मि सिंह|Prithviraj Kapoor Birth Anniversary: एक्टर और फिल्ममेकर पृथ्वीराज कपूर ने हिंदी सिनेमा को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने पूरे करियर में बहुत कम फिल्मों में काम किया था, लेकिन उनके निभाए किरदार सिनेमा प्रेमियों के दिलों में आज भी जिंदा है। ऐतिहासिक फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में अकबर के किरदार को उन्होंने जिंदा कर दिया था। 63 साल पहले रिलीज हुई ये फिल्म इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है। 3 नवंबर को पृथ्वीराज कपूर की बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर हम आपको उनसे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बताते हैं।
पाकिस्तान में जन्मे मुंबई आकर की एक्टिंग
महान अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को लालपुर में हुआ था। पता हो कि, अब यह शहर पाकिस्तान में है और इसे फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है। आज पृथ्वी की 117वीं बर्थ एनिवर्सरी है। एक्टर ने अपनी पढ़ाई पेशावर में की, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि उनके अंदर एक कलाकार छिपा हुआ है।ऐसे में पृथ्वीराज ने मुंबई जाने का फैसला किया और साल 1928 में वहां शिफ्ट हो गए। माया नगरी मुंबई आने के बाद उन्होंने अपना लक आजमाया और एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रख दिया।
थिएटर से किया करियर शुरु
साल 1928 में मुंबई में शिफ्ट होने के बाद उन्होंने इम्पीरियल थिएटर ज्वाइन किया, और वहां पर बिना वेतन के अतिरिक्त कलाकार बन काम किया। इसके बाद एक्टिंग की बारीकी से सीख लेने के बाद उन्होंने साल 1931 में आई फिल्म ‘आलमआरा’ से डेब्यू किया।
ये फिल्म मूक फिल्म थी, जिसमें उन्होंने 24 साल की उम्र में ही जवानी से लेकर बुढ़ापे तक के रोल निभाए। इस रोल के बाद उन्हें ‘भीष्म पितामह’ की उपाधि भी मिल गई। पहली मूक फिल्म के बाद एक्टर ने लगातार 9 मूक फिल्मों में काम किया। इसके बाद एक्टर ने पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ में सपोर्टिंग एक्टर विद्यापति के तौर पर काम किया।
पद्म भूषण से किया गया सम्मानित
पृथ्वीराज कपूर ने अपने फिल्मी करियर में कई यादगार रोल किए, उन्हीं में से एक फिल्म थी ‘मुगल-ए-आजम’। इस फिल्म में एक्टर ने अकबर का रोल निभाया था, जो आज भी यादगार है। फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी के लिए पृथ्वी को साल 1969 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।