नई दिल्ली: Jantantra Fact Check- अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जा होने के बाद से वहां कोहराम मचा हुआ है। तालिबान की कट्टर विचारधारा के चलते अफगानी लोगों को देश छोड़कर भागना पड़ रहा है। खास तौर पर अफगानी महिलाओं को लेकर काफी चिंता का माहौल है जो सालों से तालिबानियों का अत्याचार सहती रही हैं ।
इन्हीं सब के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जमकर वायरल हो रही है जिसमें एक छोटी बच्ची हाथ में किताबें लिए रोती हुई नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि झकझोर देने वाली ये तस्वीर अफगानिस्तान की है और इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफगानिस्तान में इस समय क्या हालात हैं।
एक ट्विटर यूजर ने तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा है, “ये तस्वीर विश्व की उन शक्तियों को आईना दिखती हैं कि उसका गुनाह क्या हैं। दिल को झकझोर देने वाली अफगानिस्तान से ये फोटो” फेसबुक और ट्विटर पर इस तस्वीर को अफगानिस्तान का बताकर चर्चाओं का विषय बनाया हुआ है। देश की स्थिति को लेकर दुख जताया है ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है। वहीं जनतंत्र टीवी की पड़ताल के बाद पता चला कि यह तस्वीर अफगानिस्तान की नहीं है, बल्कि इस तस्वीर को साल 2014 गाजा में खींचा गया था।
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Jantantra Fact Check: सच्चाई का खुलासा
तस्वीर पर थोड़ी सर्च करने पर हमें कुछ अरबी न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें यह तस्वीर मौजूद थी. “Alwatan Voice” नाम के एक न्यूज़ पोर्टल ने इस तस्वीर के बारे में साल 2019 में एक खबर प्रकाशित की थी। खबर में बताया गया था कि इस तस्वीर को फदी थाबेट नाम के एक फिलिस्तीनी फोटोग्राफर ने उत्तरी गाजा में खींचा था। इस खबर में जिक्र किया गया है कि किस तरह इस तस्वीर को कई बार सोशल मीडिया पर गलत दावों के साथ शेयर किया जा चुका है।
ये बात खुद फोटोग्राफर फदी थाबेट भी बता चुके हैं। फदी का कहना था कि तस्वीर को सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और ईरान का बताकर कई लोग पोस्ट चुके हैं, लेकिन ये फोटो उन्होंने साल 2014 में उत्तरी गाजा में खींची थी। फदी के मुताबिक, इस बच्ची के घर पर इजराइली सेना ने बमबारी कर दी थी जिस वजह से बच्ची को वहां से भागना पड़ा था।
इस बारे में फदी थाबेट का एक यूट्यूब वीडियो भी हमें मिला जिसमें वो एक इंटरव्यू में इस तस्वीर के बारे में बता रहे हैं. फदी कह रहे हैं कि ये बच्ची बमबारी से बचकर घर से कुछ किताबें हाथ में लेकर भागी थी और उसी समय उन्होंने यह तस्वीर खींची. इस तस्वीर को बाद में काफी सराहा गया था।
यहां पर इस बात की पुष्टि हो जाती है कि सालों पुरानी गाजा की तस्वीर को अफगानिस्तान का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। हालांकि, यह बात सच है कि इस तरह की कई तस्वीरें अफगानिस्तान से भी आ चुकी हैं जो हिंसा के चलते वहां के बच्चों की दुर्दशा दिखाती हैं। तालिबान के लड़ाकों का महिलाओं सहित अफगानी लोगों पर अत्याचार भी किसी से छुपा नहीं है।
Jantantra Fact Check: आईये करते हैं फैक्ट चेक
दावा
हाथ में किताब लिए रोती हुई बच्ची की ये तस्वीर अफगानिस्तान की है. इससे वहां के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है
निष्कर्ष
यह तस्वीर 2014 में गाजा में खींची गई थी. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से हालात खराब हैं, लेकिन इस तस्वीर का अफगानिस्तान से कोई लेना देना देना नहीं है.