नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। मैदान में उनके बल्ले ने गरजना बंद कर दिया है, जिसके कारण वो आलोचकों के निशाने पर हैं और लोग उनसे सन्यास लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन खेल से अलग अब आम्रपाली के मामले ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गए 2 ऑडिटर्स की ऑडिट रिपोर्ट में आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी के बीच वित्तीय अनियमितताओं की खबर सामने आने के बाद अब धोनी ED के भी रडार पर हैं, साथ ही अब अब धोनी के खिलाफ कैट-नेफोवा ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों की संस्था नेफोवा ने केंद्र सरकार के मंत्रियों को पत्र लिखा है, जिसमें आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी के बीच वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कार्रवाई किये जाने की मांग की गयी है। कैट ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को लिखे पात्र में कहा है कि उन्होंने विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए प्रभावित किया और अब कथित घालमेल की भी ख़बरें सामने आ रही है, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखकर धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी की कंपनियों की जांच कराने की मांग की है। नेफोवा द्वार लिखे गए पत्र में धोनी की पत्नी साक्षी की कंपनी और आम्रपाली ग्रुप के बीच वित्तीय लेनदेन का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि कहा पत्नी की कंपनी होने के नाते धोनी भी इसके जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए।
क्या है पूरा मामला ?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 में आम्रपाली ग्रुप के ऑडिटिंग के लिए दो ऑडिटर नियुक्त किये गए थे। इन ऑडिटरों को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था कि आम्रपाली ग्रुप ने निवेशकों से जमा करवाए गए पैसों को कहाँ खपाया। ऑडिटर ने अब अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और इसी रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि आम्रपाली ग्रुप ने घर खरीदारों का पैसा इंडियन क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की कंपनियों में लगाया है। इन कंपनियों को धोनी अपनी पत्नी साक्षी के साथ मिलकर चलाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक आम्रपाली ग्रुप ने रीति स्पोर्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड गलत तरीके से करार किया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आम्रपाली ग्रुप की कंपनियों द्वारा रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 2009 से 2015 के बीच 42.22 करोड़ रुपये दिए गए। इसमें से 6.52 करोड़ रुपये आम्रपाली सैफायर डेवेलपर्स लिमिटेड ने चुकाए थे। बता दें कि धोनी की पत्नी साक्षी आम्रपाली माही कंपनी की डायरेक्टर हैं।
धोनी और उनकी पति साक्षी की कंपनी को आम्रपाली ग्रुप द्वारा दिए गए पैसों को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह पैसा उनसे वापस लेना चाहिए। इतना ही नहीं चेन्नई सुपर किंग ब्रांडिंग को लेकर आम्रपाली और रीति के बीच 2015 के समझौते पर भी सवाल खड़े हो गए हैं, क्यूंकि इसमें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की ओर से कोई हस्ताक्षर नहीं थे। इन तमाम खुलासों ने महेंद्र सिंह धोनी की मुश्किलें तो बढ़ाई ही, साथ उनकी साख पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। अब देखना ये है की धोनी की तरफ से इस मामले में क्या सफाई आती है ?