रश्मि सिंह|World Pneumonia Day 2023: बदलते मौसम के साथ सर्दी-खांसी और सांस की समस्या होना काफी सामान्य है, पर अगर ये दिक्कतें आपको लंबे समय तक बनी रहती है को फिर आपको अलर्ट हो जाने की आवश्यकता है। क्योंकि कुछ स्थितियों में सांस की समस्या निमोनिया की वजह से भी हो सकता है। जिस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण होता है, जो खांसने, छींकने, छूने या कीटाणु युक्त हवा में सांस लेने से फैलती है। बच्चों और बुजर्गें में इसकी समस्या ज्यादा होती है। कई बार तो इसकी वजह से जान भी जा सकती है। इसी की जागरुकता के लिए हर साल 12 नवंबर को निमोनिया दिवस मनाया जाता है। आइए जानते है कि निमोनिया के लक्षण, बचाव और सावधानियो के बारे में।

निमोनिया क्या होता है
निमोनिया एक तहर का संक्रमण है, जिसमें फेफड़ों में वायु की थैलियां सूज जाती है। जिसमें मवाद भर जाता है, जिसकी वजह से कफ या मवादा के साथ खांसी, बुखार, ठंड लगने या सांस लेने में परेशानी होती है। निमोनिया अक्सर बैक्टीरिया, वायरस और कवक जैसे जीवाणुओं के कारण निमोनिया का खतरा हो सकता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए यह समस्या बेहद गंभीर है।
निमोनिया के लक्षण
सांस लेने या खांसी आने पर सीने में दर्द होना
खांसी के साथ बहुत ज्यादा कफ आना
थकान-बुखार, पसीन और कंपकंपी लगना
मतली, उल्टी या दस्त की समस्या होना
कैसे करे निमोनिया की पहचान
खांसी-जुकाम निमोनिया का प्रमुख कारण है लेकिन यह कैसे पता किया जाए कि निमोनिया है कि नहीं। इसके लिए सामान्य सर्दी और फ्लू के उलट निमोनिया फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है। इसकी वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। सामान्य सर्कदी जुकाम तीन से चार दिन में कुछ इलाज न मिले तो संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। सामान्य सर्दी जुकाम में कफ आने या सांस की परेशानी कम होती है लेकिन निमोनियां में ये समस्याएं काफी बढ़ जाती है।
निमोनिया का उपचार
आमतौर पर निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक से होता है। यदि वायरल निमोनिया है तो एंटीवायरल दवाएं भी दी जाती है।