नई दिल्ली: Afghanistan Crisis: भारत की तरफ से पहली बार तालिबान और अफगानिस्तान के हालात को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से किसी भी संभावित आतंकवादी गतिविधि के भारत की तरफ आने पर सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने इसके साथ ही सुझाव दिया कि ‘क्वाड राष्ट्रों’ को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में सहयोग बढ़ाना चाहिए।
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Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान की परिस्थितियों को लेकर भारत तैयार
भारत को पहले से इस बात का अंदेशा था कि अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने वाला था और उसके लिए भारत ने ‘कंटिंजेंसी-प्लान’ पहले से ही तैयार कर रखा था। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने सार्वजनिक तौर से कहा है कि अफगानिस्तान की परिस्थितियों को लेकर भारत तैयार है और अगर वहां की परिस्थितियों का भारत पर असर पड़ता है तो उसके लिए भी भारत तैयार है उसका मुकाबला वैसे ही किया जाएगा जैसे आतंकवाद का किया जाता रहा है।
आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ सकती
सीडीएस ने ये बातें ऐसे समय पर कही हैं जब अंदेशा जताया जा रहा है कि तालिबानी शासन वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं, जो पाकिस्तान के इशारे पर भारत को निशाना बनाती हैं।
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध
जनरल रावत ने कहा कि भारत क्षेत्र में आतंकवाद मुक्त माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ”जहां तक अफगानिस्तान का सवाल है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां से भारत पहुंचने वाली किसी भी गतिविधि से उसी तरह निपटा जाए जैसे हम अपने देश में आतंकवाद से निपट रहे हैं।” सीडीएस ने कहा, ”मुझे लगता है कि अगर क्वाड देशों से कोई समर्थन मिलता है, कम से कम आतंकवादियों की पहचान और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध लड़ने के लिए खुफिया जानकारी के तौर पर, तो मुझे लगता है कि इसका स्वागत किया जाना चाहिए।” भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ‘क्वाड का हिस्सा हैं।