रश्मि सिंह|Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जंयती आज, पूरा देश इस दिन को आज सुशासन दिवस के रुप में मना रही है। अटल बिहारी न केवल एक महान राजनेता थे बल्कि हिंदी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता, भी थे। ऐसे में आज मैं आपको अटल बिहारी के पूरे जिवन से जुड़े कुछ अनसुनी किस्से से रुबरु कराएंगे।
यहां से हुई पढ़ाई की शुरुआत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनकी शुरुआती की शिक्षा ग्वालियर के गोरखी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से हुई थी। उनकॉलेज की पूरी पढ़ाई विक्टोरिया कॉलेज से हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत विषयों की पूर्ण हुआ था। बता दें कि, अटल जी ने इसके बाद कानपुर के डीएवी कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में एमस की डिग्री हासिल की थी।
कैसे हुई करियर की शुरुआत
बता दें कि, अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना करियर पत्रकार के रुप में शुरु किया था। उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया था। हालांकि, 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी थी। राजनीति में रहते हुए उन्होंने भारत की घरेलू और विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई थी।
अटल बिहारी इतनी बार बने देश के प्रधानमंत्री
दरअसल, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में 9 बार और राज्यसभा में 2 बार चुने गए थे। अटल जी ने पहली बाह 1996 में 13 दिनों के कार्यकाल के लिए भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रुप में कार्यकाली को संभाला था। वहीं, उनको दूसरी बार कार्यकाल 1998 से 1999 तक मात्र 13 महीने के लिए ही था। फिर उन्होंने साल 1999 से 2004 तक तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री का पद को संभाले थे।
भारत रत्न से सम्मानित हुए थे अटल बिहार वाजपेयी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अटल बिहाली वाजपेयी को भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से साल 1994में सम्मानित किया गया था। 1994 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद भी चुना गया था। वहीं साल 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। बता दे कि, साल 2005 में अटली बिहारी वाजपेयी ने अपने राजनीति करियर से संन्यास ले लिए थे। 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में उनका निधन हो गया था।