नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार झेलने के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने 11 जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है. इन सभी जिलों में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव इन सभी 11 जिलाध्यक्षों से नाराज थे।
जिलाध्यक्षों की नाकामी
इसमें ज्यादातर जिले ऐसे हैं जहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन तक नहीं कर पाए। माना जा रहा है कि पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिलाध्यक्षों की नाकामी को देखते हुए पार्टी की तरफ से ये कार्रवाई की गई है। सपा प्रत्याशी का नामांकन जिन 11 जिलों के जिलाध्यक्षों को समाजवादी पार्टी ने हटाया है। उनमें से 10 जिले ऐसे हैं, जहां सपा के उम्मीदवार पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भी नहीं कर पाए।
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जिसमें गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, आगरा, ललितपुर, झांसी, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, मऊ, गोरखपुर शामिल हैं। माना जा रहा है कि इसमें स्थानीय जिलाध्यक्षों की भी कमी है। जिसकी वजह से सपा प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पाए। यही वजह है कि समाजवादी के प्रदेश अध्यक्ष ने इन जिलाध्यक्षों को पद से हटा दिया है। यादव ने इन सभी के ऊपर जिला पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगने पर हटाया है।
चुनाव जीतने का नया हथकंडा
इससे पहले अखिलेष यादव ने ट्वीट के माध्यम से लिखा था कि गोरखपुर व अन्य जगह जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है। भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनायेगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी।उधर राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 17 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के एक ही नामांकन हुए हैं या वैध पाए गए हैं।
पद मुक्त हुए 11 जिलाध्यक्ष
- गोंडा- आनंद स्वरूप उर्फ पप्पू यादव
- ललितपुर- तिलक यादव
- भदोही- विकास यादव
- बलरामपुर- रामनिवास मौर्या
- गौतमबुद्ध नगर- वीर सिंह यादव
- झांसी- महेश कश्यप
- मऊ- धर्म प्रकाश यादव
- आगरा- रामगोपाल बघेल
- मुरादाबाद- जय वीर सिंह
- गोरखपुर- नगीना प्रसाद साहनी
- श्रावस्ती- सर्वजीत यादव