Shikhar Dhawan: विराट कोहली जब तक भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रहे, तब तक उन्होंने टीम में कई बदलाव किए। हालांकि धवन को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। खराब परफॉर्मेंस के चलते उन्हें कई बार टीम से बाहर निकाल दिया गया। धवन ने इंटरव्यू में बताया कि 2016 में उन्हें टीम से बाहर क्यों किया गया था। उन्होंने उस दौर को अपने करियर का सबसे मुश्किल समय बताया। उन्होंने बताया कि कैसे एक मैच में चोट लगने के बावजूद उन्होंने टीम के लिए खेला।
“2016 में कुछ सही नहीं था”- धवन
धवन ने बताया कि 2016 के समय वह काफी बढ़ाव में थे, उन्हें पता था कि अगर रन नहीं बने तो टीम से बाहर होना पड़ेगा। उन्होंने उस दौर को अपने क्रिकेट करियर का सबसे मुश्किल समय बताया। उन्होंने कहा, “मैं बहुत ज्यादा परेशान था। न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली पारी में मैं आउट हो गया, दूसरी पारी में ट्रेंट बोल्ट की गेंद लगने से मेरा हाथ टूट गया।” हालांकि धवन को पता था कि अगर वह नहीं खेले तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाएगा, इसलिए उन्होंने चोट के बावजूद खेलने का फैसला लिया। उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि पहले ही मरा हुआ हूं, तो पूरा मरके जाऊं ना।” शिखर धवन अब क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं। उन्होंने अपने 12 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैच खेले। इसमें उन्होंने क्रमश 2315, 6793 और 1759 रन बनाए।
धवन ने याद किया मुश्किल समय
धवन को टीम से बाहर कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने महसूस किया कि वह टीम में जगह बनाने के लिए बहुत ज्यादा दबाव ले रहे थे। उन्होंने अपनी सोच बदली और खुश रहने पर ध्यान दिया। 2017 में उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया और टीम में वापसी की। हालांकि, 2018 में उन्हें फिर से टीम से बाहर कर दिया गया।
सोशल मीडिया के जरिए बताया करियर के मुश्किल दौर
शिखर धवन ने हाल ही में रणवीर अल्लाहबादिया के यूट्यूब शो ‘ताकत’ पर बात करते हुए अपने करियर के मुश्किल दौर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विराट कोहली के कप्तान रहते हुए टीम में लगातार बदलाव होते रहते थे। उन्हें भी कई बार टीम से बाहर कर दिया गया था। धवन ने 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट के बारे में बताया। उस मैच में उन्हें चोट लग गई थी, लेकिन उन्होंने टीम के लिए खेला। बाद में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।