जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद देश भुखमरी, बेरोजगारी और अशिक्षा से घिर गया। तालिबान शासन अफगानिस्तान को कई साल पीछे ले गया जहां नागरिकों को अपने अनुसार जीने की आजादी नहीं है।
Kabul: अफगान महिलाओं का दर्द, कहा- दुनिया चुपचाप हमें मरते हुए देख रही
अफगानिस्तान की महिलाएं और लड़कियां एक बार फिर सड़क पर हैं। लड़कियों के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर अफगानिस्तान में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। काबुल में हुए इस विरोध प्रदर्शन में ज्यादातर महिलाओं और बच्चियों ने हिस्सा लिया। इनके हाथ में तख्तियां हैं। जिनपर स्कूल खोलने की मांग के साथ ”शिक्षा हमारा अधिकार है” , ‘‘लड़कियों के लिए दरवाजे खोलो” जैसे नारे लिखे हैं।
बात लड़कियों की शिक्षा की है इसलिए महिलाएं प्रदर्शन में डटी हुई हैं। वे इसके लिए मरने को भी तैयार हैं। बीते साल अगस्त में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो लड़कों और लड़कियों के प्राइमरी स्कूलों को खुला रखा गया था। लेकिन सेकेंडरी स्कूल की बच्चियों को क्लासरूम में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।
हाल ही में तालिबान ने सेकेंडरी स्कूल की लड़कियों के लिए भी स्कूल खोलने का ऐलान किया था लेकिन तालिबान के केंद्रीय नेतृत्व ने इस फ़ैसले को अचानक से पलट दिया। तालिबान का अब कहना है कि लड़कियों के सभी स्कूल और वे स्कूल जिनमें लड़कियां पढ़ती हैं, अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
नोटिस में कहा गया है कि लड़कियों के लिए यूनिफ़ॉर्म तय करने के बाद ही स्कूल खोले जाएंगे औय ये यूनिफॉर्म, शरीयत कानून और अफ़गानी परंपरा के मुताबिक होगी। नागरिकों का कहना है यूनिफॉर्म का हवाला देकर स्कूल बंद कर दी गई।