Jamia University News : जामिया मल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) में दो पीएचडी छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसके खिलाफ छात्र लाइब्रेरी के पास दो दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए थे। छात्रों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया है। यह प्रदर्शन सोमवार को शुरू हुआ था। हिरासत में लिए गए छात्रों को कालकाजी पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
जामिया मिलिया में मचा बवाल
बता दें कि साल 2019 में जामिया यूनिवर्सिटी में सीएए CAA को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। इस दौरान फायरिंग भी की गई थी। इसी मामले में कुछ स्टूडेंट्स ने बरसी बनाने का जिक्र किया। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। अनुमति ना मिलने पर भी छात्रों ने कार्यक्रम आयोजित किया था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से “कारण बताओ” नोटिस जारी किया गया। मामला हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया। छात्रों ने कैंटीन में तोड़फोड़ की और जमकर हंगामा भी किया।
पुलिस ने मामले में किया हस्तक्षेप
यूनिवर्सिटी की तरफ से दावा किया गया है कि “छात्रों ने यूनिवर्सिटी को नुक्सान पहुंचाया है। जिससे प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी। विश्वविद्यालय ने छात्रों को प्रदर्शन स्थल से हटाने के लिए पुलिस हस्तक्षेप की मांग की थी। शांति बनाए रखने के लिए कैंपस के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया का आधिकारिक बयान
जामिया मिल्लिया इस्लामिया का आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा “कुछ छात्रों ने दिनांक 10 फरवरी 2025 की शाम के उपरांत अकादमिक ब्लॉक में गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने का आह्वान किया । तब से उन्होंने न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक ब्लॉक में कक्षाओं के शांतिपूर्ण ढंग से संचालित होने को बाधित किया है, अपितु अन्य छात्रों को केंद्रीय पुस्तकालय तक और कक्षाओं में पहुंचने से रोका है और वह भी ऐसे समय में जब मिड सेमेस्टर परीक्षा जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में शुरू होने वाली है। इन छात्रों ने पिछले दो दिनों में विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुक्सान पहुंचाया है जिसमें सेंट्रल कैंटीन भी शामिल है और सुरक्षा सलाहकार के गेट को तोड़ दिया है तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के अनन्य नियमों का उल्लंघन किया है और आपत्तिजनक वस्तुओं को ले जाते हुए पाए गए हैं।”
जामिया की तरफ से आगे कहा गया है कि “विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके द्वारा विश्वविद्यालय की संपत्ति और दीवार को रूप में नुकसान पहुंचाने और कक्षाओं में बाधा डालने के बारे में एक मजबूत दृष्टिकोण अपनाया है और निवारक उपाय किए हैं ताकि विश्वविद्यालय सामान्य रूप से कक्षाओं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करना जारी रख सके। विश्वविद्यालय प्रशासन ने समिति में अपनी मांगों पर चर्चा करने के लिए उन्हें खुली पेशकश की है परंतु उन्होंने अपने सुपरवाइजर, विभाग के अध्यक्ष और डीन सहित प्रशासन की बात सुनने और बात करने से इनकार कर दिया। निवारक उपाय करते हुए, आज सुबह विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रॉक्टोरियल टीम द्वारा छात्रों को विरोध स्थल से हटा दिया है और उन्हें परिसर से बेदखल कर दिया गया है। पुलिस को कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अनुरोध किया गया है।”