नई दिल्ली: MP KAMALNATH- भोपाल में तूफान के प्रभाव से मध्य प्रदेश के 52 में से 46 जिलों में हुई तेज़ बारिश के चलते किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करके खुले में रखा गया लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना भीग कर खराब हो गया है, जिसकी कीमत कुछ करोड़ रुपये होगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी खरीद केन्द्रों पर खुले में रखे गेहूं और चने के भीगने की बात स्वीकार की है, लेकिन साथ ही कहा कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि अनाज का नुकसान ना हो, और किसानों का हम कोई नुकसान नहीं होने देंगे।
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दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री @nstomar जी से भेंटकर मध्यप्रदेश में मूंग खरीदी का 6 लाख मीट्रिक टन तक लक्ष्य बढ़ाने का अनुरोध। उन्होंने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मैं इसके लिए प्रदेश किसानों की ओर से उन्हें धन्यवाद देता हूं। pic.twitter.com/W8KW1s0Nza
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) June 16, 2021
मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बयान में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया, ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं प्रदेश सरकार की लापरवाही से कारण खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा, जिससे लाखों मीट्रिक टन गेहूं भीग गया है और खराब हो गया है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही ’ उन्होंने कहा, कि ‘देश भर में तूफान की चेतावनी व मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी को भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीती सरकार ने नजरअंदाज किया, जिससे यह नुकसान हुआ है।.’
KAMALNATH नें शिवराज सरकार को घेरा
KAMALNATH ने आरोप लगाया कि इस मामले की सारी जिम्मेदार मध्यप्रदेश सरकार है उन्होंने कहा कि गेहूं के अलावा, इन खरीदी केन्द्रों पर बड़ी मात्रा में चना भी भीगकर बर्बाद हो गया है। कमलनाथ ने सरकार से मांग की है, ‘खरीदे गये गेहूँ व चने का शीघ्र परिवहन कर उसका सुरक्षित भंडारण किया जाए जिससे किसान से बारिश में भीगा गेहूं भी खरीदा जाए। गेहूँ-चना भीगकर खराब होने से हुए नुकसान की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए ।’
वहीं मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया है कि किसान चिंतित ना हों, उनके अनाज खरीद कर उसका भुगतान समय पर किया जाएगा। उगे हुए गेहूँ को सुरक्षित रखने का दायित्व सरकार का है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है, इसी कारण गेहूं खरीदी देर से शुरू हुई है उन्होंने कहा, ‘आप सभी अन्नदाताओं को मैं प्रणाम करता हूं. अन्न के उत्पादन के सारे रिकार्ड टूट गये। आज की तारीख तक एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद लिया गया है.’
चौहान ने कहा, ‘गेहूं खरीदी में हम पंजाब को पीछे छोड़ने जा रहे हैं, लेकिन बीच में यह तुफान आ गया जिसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है आप चिंता न करें। इससे किसान को कोई नुकसान नहीं होने देंगे.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह बात सही है कि अभी कुछ खरीद केन्द्रों पर गेहूँ बाहर रखा हुआ है। सबका भण्डारण नहीं हुआ। खरीद केन्द्र पर रखे गये गेहूँ को ढंकने और संरक्षित करने के लिये हम पूरी तरह सज है। हम नुकसान नहीं होने देंगे. किसानों का पूरा पैसा उनके खाते में आएगा।