नई दिल्ली: 9/11 Terror Attack: अमेरिका पर 9/11 आतंकी हमले के 20 साल पूरे हो गए। इस हमले में तकरीबन 3 हजार लोगों की जान चली गई थी। राष्ट्रपति जो बाइडन के आदेश पर जांच एजेंसी एफडीआइ ने 9/11 हमले के कुछ गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया है। दस्तावेज में जानकारी दी गई है।
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9/11 Terror Attack: इन दोनों हमलावरों को रसद पहुंचाई
हमले में शामिल दो सऊदी मूल के हमलावरों को इस देश के वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी और एक खुफिया एजेंट ने पूरी मदद की थी। यही नहीं इन दोनों हमलावरों को रसद पहुंचाई गई थी। एफबीआइ की जांच में इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि साजिश में सऊदी अरब सरकार शामिल थी।
(9/11 Terror Attack) आतंकी हमलों में किसी भी संलिप्तता से इंकार
अमेरिका पर आतंकी हमलों के पीड़ितों के परिवारों ने बाइडन पर दस्तावेज जारी करने का भारी दबाव बना रखा था लंबे समय से पीड़ितों के परिजन इन रिकॉर्ड्स को जारी करने की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों के परिवारों का मानना है कि ये गोपनीय दस्तावेज न्यूयॉर्क में चल रहे उनके मुकदमे में मददगार साबित हो सकते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों की हमलों में मिलीभगत
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि सऊदी अरब के वरिष्ठ अधिकारियों की हमलों में मिलीभगत थी। यह अलग बात है कि सऊदी अरब सरकार आतंकी हमलों में किसी भी संलिप्तता से इंकार करती आई है।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की
कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि कुछ विशेष गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाएगा। सऊदी अरब की सरकार पहले ही कह चुकी है कि हमले में उसका कोई हाथ नहीं है।
गोपनीय दस्तावेजों के सार्वजनिक करने की मांग
वाशिंगटन स्थित सऊदी दूतावास ने बुधवार को कहा था कि वे सभी गोपनीय दस्तावेजों के सार्वजनिक करने की मांग करते हैं, जिससे बेबुनियाद आरोप लगना बंद हो। 9/11 के हमले में शामिल 19 हमलावरों में से 15 सऊदी अरब के थे।