नई दिल्ली: Delhi Meerut दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरने के जोश में नियमों को न भूलें। हर पल सावधान रहें क्योंकि यह एक्सप्रेस-वे है कोई सामान्य सड़क नहीं। अगर आप हाईवे पर रोजाना आते-जाते हों तब भी सावधान रहें क्योंकि यह हाईवे से भी ज्यादा उन्नत और तेज गति वाली सड़क होती है। साथ ही इन सात बातों को ध्यान पर रखकर ही एक्सप्रेस वे पर चलना चाहिए। जिससे सफर में को परेशानी न आए।
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Delhi Meerut: एक्सप्रेस-वे और हाईवे में यह है प्रमुख अंतर
हाईवे और एक्सप्रेस-वे में मुख्य अंतर है वाहनों की रफ्तार बिना बाधा के बनाए रखना। हाईवे पर कहीं भी कोई भी छोटी-बड़ी सड़क मिला दी जाती है। उसके किनारे बाजार होते हैं। दुकानें भी आसपास ही होती हैं। कहीं भी कट मिल जाता है। घुमंतू पशु भी उस पर अक्सर पहुंच जाते हैं। सामान्य सड़कों की तरह बाइक व साइकिल की भरमार होती है। ऐसे में वाहन चालक को यहां बहुत कुछ देखकर चलना होता है। ऐसे में सभी स्थान पर समान गति मुश्किल होती है। हाईवे सामान्यत: चार लेन का होता है। जबकि एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश व निकास गिने-चुने होते हैं। कहीं भी कोई भी सड़क उसमें नहीं मिलाई जाती।
वाहन चालक ये बिल्कुल न करें
- अपनी ही लेन में चलें। लेन यदि बदलनी ही पड़े तो बेहद सावधानी से बदलें।
- अपने वाहन की गति अचानक कम या ज्यादा न करें।
- अचानक लेन न बदलें। इंडीकेटर देकर ही लेन बदलें।
- गलत दिशा में वाहन न ले जाएं।
- अचानक वाहन को न रोकें।
- एनएचएआइ की ओर से तय गति से अधिक रफ्तार में वाहन न दौड़ाएं।
- शराब पीकर गाड़ी न चलाएं
यह अवश्य करें
- चालक के साथ ही पीछे बैठे यात्री भी सीट बेल्ट का प्रयोग करें।
- अपने आगे चल रहे वाहन से कम से कम 70 मीटर की दूरी बनाकर चलें।
- टायर में नाइट्रोजन भरवा लें अथवा टायर की हवा जरूर जांच लें।
- कहीं भी किसी भी स्थान पर मैकेनिक नहीं मिलेगा इसलिए चलने से पहले वाहन की स्थिति जांच लें।
- पेट्रोल पंप के भरोसे न रहें, पर्याप्त ईंधन भरवाकर निकलें।
- थकान महसूस होने, गाड़ी में खराबी का अंदेशा होने या वाहन को रोकने की जरूरत महसूस होने पर समयपुर-डिडवारी में बने रेस्ट एरिया का उपयोग करें।
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