नई दिल्ली : बीते कई महीने और रातों की नींद भी उड़ चुकी है, सुकून की सांस लिए और आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ते, न्याय की मांग करते, सड़कों पर उतरकर सरकार और प्रशासन से सवाल पूछते, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है। हार्ले डेविडसन हादसे में बाइकर आलोक गुप्ता की मौत के बाद से उनकी पत्नी मिहिका लगातार घटना के जिम्मेदारों को सजा दिलवाने और अपने पति को न्याय दिलवाने की मुहिम चला रही हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिदिन मिहिका की गुहार
मिहिका हर तरह से लोगों को, प्रशासन और सरकार को यह बताने की कोशिश कर रही हैं कि उनके पति आलोक की कोई गलती नहीं थी और इस घटना के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए मिहिका प्रतिदिन फेसबुक पर पोस्ट डाल रही हैं। एक-एक दिन अपनी भावनाओं और अपने दर्द को अपनी पोस्टों में उतार रही हैं, लोग भावनात्मक संबल दे रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है।
प्रशासन से नहीं मिला जवाब
मिहिका सड़क पर उतरीं तो हर क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग उनके साथ आए लेकिन उन्हें प्रशासन से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अब उन्होंने दस दिनों के लिए एक दौड़ की शुरुआत की है। आज यानी बुधवार को इस दौड़ का आखिरी दिन है जहां मिहिका को बड़ी संख्या में लोग समर्थन देंगे। 10 दिन और 10 किलोमीटर
कड़कती ठण्ड में लोगों को कर रही जागरूक
इस ठंड में हर सुबह घरों के बीच लूप बनाकर दौड़ती मिहिका लोगों को नाबालिग को गाड़ी चलाने के लिए देने के प्रति जागरूक कर रही हैं और साथ ही मांग कर रही हैं कि उनके पति के साथ हुई दुर्घटना के जिम्मेदार उन आरोपित किशोरों को वयस्क मानकर उन्हें सजा दी जाए। उनका एक ही सवाल है कि आखिर जो किशोर वयस्कों की तरह तेज रफ्तार गाड़ी चला सकते हैं, शराब पी सकते हैं उन्हें वयस्कों की तरह सजा क्यों नहीं दी जा सकती?