जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पीड़ित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका रद्द करने की मांग करते हुए पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सपा के चुनाव चिन्ह को पीएम मोदी ने आंतकवाद से जोड़ा, अब विपक्ष के निशाने पर आए
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्र को जमानत दे दी थी। हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को SIT ने मुख्य आरोपी माना था। हिंसा वाली जगह पर आशीष मिश्रा की कार भी थी जिससे किसानों को कुचलने का आरोप है। बावजूद इसके आशीष मिश्रा जेल से छूटकर आ गया।
आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद विपक्षी पार्टियों और किसान नेताओं ने यूपी की योगी सरकार को घेरा था। जिस पर बीजेपी नेताओं का कहना था कि ये फैसला अदालत का है और सरकार न्यायालय के काम में दखल नहीं देती।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और 12 अन्य अभियुक्तों के खिलाफ तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में गाड़ियों से रौंद कर 4 किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने का आरोप है।