जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: अमेरिका के सबसे बड़े पुलित्जर पुरस्कार 2022 के विजेताओं की घोषणा सोमवार देर शाम की गई। इसमें फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी का भी नाम शामिल है। दानिश ने पिछले साल अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता वापसी की कवरेज के दौरान अपनी जान गंवा दी। दानिश के साथ साथ उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को भी पुलित्जर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
चारों पत्रकारों को भारत में कोरोना के कारण हुई मौतों की तस्वीरें खींचने के लिए सम्मानित किया गया है। आइए दिखाते हैं वे तस्वीरें जिनमें दानिश सिद्दीकी ने कोरोना की दूसरी लहर में हालातों को बयां किया है।
दानिश सिद्दीकी को बेहतरीन काम के लिए 2018 में पहला पुलित्जर अवॉर्ड मिला था। अपनी तस्वीरों से सिद्दीकी ने म्यामांर के रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को दिखाया था। ये तस्वीरें देखकर लोगों को रोहिंग्या संकट की गंभीरता का अंदाजा लगा था।
रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या पर दानिश अपनी टीम के साथ मुश्किल हालात में कवरेज पर गए थे। इसी प्रोजेक्ट के दौरान खींची गई तस्वीरों के लिए उन्हें पुलित्जर अवॉर्ड दिया गया था।
दानिश मुंबई के रहने वाले थे। उन्होंने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया था। 2007 में उन्होंने जामिया के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्युनिकेशन की डिग्री ली थी। उन्होंने टेलीविजन से अपना करियर शुरू किया और 2010 में रॉयटर्स से जुड़ गए। लेकिन मुश्किल हालात में सच बताने वाले पत्रकार अब दुनिया में नहीं रहे।
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