जनतंत्र डेस्क, बिहार: RRB-NTPC परीक्षा में धांधली के विरोध में बिहार सुलग रहा है। कई जगह बवाल और हिंसा हो रही है। आरा और गया में परिक्षार्थियों ने ट्रेन में आग लगा दी है। जहानाबाद, समस्तीपुर में भी छात्र रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) में धांधली का आरोप लगा रहे ये छात्र तीन दिन से सड़कों पर हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बिहार के कई जिलों में छात्रों ने बवाल काटा। वहीं राजधानी पटना में काफी गहमागहमी रही। पुलिस और छात्रों के बीच हिंसक झड़प की खबरें भी सामने आई। छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की तो छात्रों ने भी जवाब में पथराव किया। रेलवे ट्रैक पर उतरकर छात्रों ने कुछ ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया।
गया में खड़ी ट्रेन में आग लगाने के बाद रेल पुलिस, RPF के साथ ही जिला पुलिस की टीम मौजूद है। खुद गया के SSP भी मौजूद हैं। प्रशासन हालात को काबू करने में लगा हुआ है। लॉ एंड ऑर्डर पर काबू के लिए रेलवे के अधिकारी बात कर रहे हैं। बवाल के बाद कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है तो कईयों को पीआर बांड भरवाकर छोड़ा गया है।
छात्रों के प्रदर्शन की वजह क्या
रेलवे ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव के वक़्त एनटीपीसी के माध्यम से 35,308 पोस्टों के लिए और ग्रुप डी के लिए लगभग एक लाख तीन हजार पोस्टों के लिए आवेदन मंगाया। फरवरी-मार्च में छात्रों ने फ़ॉर्म भरा, अप्रैल-मई में नई सरकार बन गई। जुलाई तक परीक्षा लेने की संभावित तारीख़ दी गई थी, लेकिन साल 2019 में परीक्षा नहीं ली गई।
छात्रों का कहना है, “साल 2021 में परीक्षा हुई और साल 2022 में CBT-1 (NTPC) का रिजल्ट जारी किया गया।‘’ एनटीपीसी ने जो रिजल्ट जारी किया है, उसमें पांच लेवल जनरेट किया गया है। उनके अनुसार किसी का पांचों लेवल में रिजल्ट है तो किसी का चार में और किसी का तीन में और किसी का अच्छा ख़ासा नंबर होने के बावजूद एक में भी रिजल्ट नहीं है। रेलवे ‘वन स्टूडेंट-वन रिज़ल्ट’ जारी करे।