जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग 19वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। तबाही के 18 दिन बाद यूक्रेन की तस्वीर बदल गई है। कहते हैं ना युद्ध कितना फायदेमंद रहा और किसने क्या पाया ये तय नहीं होता। लेकिन नुकसान तय है और ये दोनों देशों को होता है जिस पर हमले हो रहे हैं और जो हमले कर रहा है।
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रूस-यूक्रेन की जंग हथियारों के साथ साथ चेतावनी, प्रतिबंध और वैश्विक चिंताओं की भी है। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने चीन से सैन्य और आर्थिक मदद मांगी है। लेकिन, अमेरिका ने प्रतिबंधों से बचने में रूस की मदद करने को लेकर चीन को चेतावनी दी है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस ने ब्लैक सी के तट को नियंत्रित करके यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार से अलग-थलग कर दिया है। एक टीवी संबोधन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नेटो से यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने की एक बार फिर अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करते तो कभी नेटो क्षेत्र में भी रूस के बम गिर सकते हैं।
जंग के बीच बातचीत का प्रस्ताव लगातार पेश किया जा रहा है। रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने कहा है कि सोमवार से बातचीत फिर से शुरू हो जाएगी और ये बातचीत वीडियो पर होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने यूक्रेन को लेकर और हमले के लिए रूस को ज़िम्मेदार ठहराने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
अब तक यूक्रेन पर हमलों में लोगों का पलायन और मौतों का सिलसिला जारी है। भारत के नवीन शेखरप्पा की इन हमलों में मौत हो गई तो अमेरिका के एक पत्रकार ब्रेंट रिनोड की कीएव के पास इरपिन में गोली लगने से मौत हो गई। ब्रेंट रिनोड यूक्रेन युद्ध को कवर करने आए थे।
शहर तबाह, गांवों पर कब्जा
रूस के हमलों में यूक्रेन के ऐतिहासिक शहर बर्बाद हो रहे हैं। राजधानी कीव की तस्वीर बदल गई है। खार्कीव और खैरसॉन में भी रूस के हमले जारी हैं। खबरें हैं कि रूसी सैन्य टुकड़ियों ने कई गांवों पर भी कब्जा कर लिया है। यहां लोग दुनिया से मदद की मांग कर रहे हैं। देश में भीषण धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है।
जंग के बीच रूस पर वैश्विक प्रतिबंधों का दौर जारी है। अब ऑनलाइन खरीद-बिक्री से जुड़ी वेबसाइट ईबे ने रूस के पते से जुड़े सभी तरह के लेन-देन ब्लॉक करने की घोषणा की है।