रश्मि सिंह|Christmas 2023: 25 दिसंबर को पूरी दुनिया क्रिसमस मनाती है। क्रिसमस को देश से लेकर विदेश तक सभी इसको बड़े धूमधाम से मनाते आ रहे है। सिर्फ ईसाई धर्म ही नहीं बल्कि दुनिया के बाकी और धर्म में भी इस त्यौहार को खूब धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में भी क्रिसमस की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। सेलिब्रेटी से लेकर आम लोगों तक सभी इस त्यौहार को काफी धूमधाम से मनाते है। ऐसा मानना है कि क्रिसमस के दिन सैंटा क्लॉस आते है और लोगों की विश पूरी करते है। लेकिन क्या आपको पता है सैंटा क्लॉस कौन है और उनका कब्र कहां पर दफन है।
कहां है सैंटा क्लॉस की कब्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, दुनिया जिसे सांता क्लॉस के नाम से जानती है दरअसल हो कोई जादुई पुरुष नहीं थे। बल्कि यूरोप के मशहूर सैंट निकोलस थे। उनका जन्म 280 ईस्वी में तुर्कमेनिस्तान के शहर मायरा में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि भगवान यीशू की मृत्यु के बाद उनका जन्म हुआ था। वहीं अगर सैंटा क्लॉज यानी सेंट निकोलस की मृत्यू की बात करें तो वो 6 दिसंबर 343 में मायरा शहर में हुई थी।
उनकी कब्र को लेकर कहा जाता है कि वो आयरलैंड में है। लेकिन सैंटा क्लॉज की कब्र को लेकर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत है। कुछ का कहना है कि तुर्की के अंतालया में सेंट निकोलस चर्च के अंतर उनका कब्र है। तो वहीं आयरलैंड के इतिहासकारों का कहना है कि सैंटा क्लॉज कि उनकी कब्र को तुर्की से वापस लाकर से इटली में दफना दिया गया है।
बस इतनी उम्र में बन गए थे पादरी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, संत निकोलस यानी सैंटा क्लॉज के जन्म का सीधा संबंध भगवान यीशु के जन्म से नहीं रहा है। लेकिन बावजूद इसके क्रिसमस के त्यौहार सांता क्लास के बिन अधूरा माना जाता है। बता दें कि, सांता क्लॉज यानी सैंट निकोलस को बचपन से ही बच्चों से बेहद लगाव था। वह बेहद छोटी सी उम्र में ही पादरी बन गए थे। बच्चों को छुपाकर गिफ्ट देने के चलते उन्हें सैंटा क्लॉस कहा जाने लगा और अब तक यह काल्पनिक पात्र दुनिया भर में प्रचलित है।