नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव जारी है, इस चुनाव में 355 उम्मीदवार मैदान में हैं, कोरोना महामारी के रोकथाम के दिशा-निर्देशों के साथ मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा, मतदाता धीर-धीरे मतदान केंद्रों की तरफ बढ़ रहे हैं।
भाजपा ने उन सभी 25 लोगों को प्रत्याशी बनाया है, जो कांग्रेस विधायकी पद से इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए हैं, उपचुनाव को सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है, मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मुरैना में उपचुनाव के दौरान हिंसा पर एसपी अनुराग सुजानिया ने कहा, हमें मतदान केंद्रों से दूर कुछ स्थानों पर हिंसा की खबरें मिलीं, इन घटनाओं ने मतदान को प्रभावित नहीं किया है। हम गोलीबारी के वीडियो की जांच कर रहे हैं और गोलीबारी की एक घटना में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
मध्यप्रदेश में दोपहर एक बजे तक 42.71 फीसदी मतदान हुआ है। अब तक ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व में 30 फीसदी ही वोटिंग हुई है। सबसे अधिक मतदान मंत्री हरदीप सिंह के सुवासरा में 55.91 फीसदी हुआ है। ग्वालियर पूर्व में 25.29 फीसदी मतदान हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, यह वही ईवीएम है जिससे 2018 में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नतीजे आए, तब ईवीएम ठीक थी लेकिन अब, जब पराजय सामने दिख रही है, तो उसे दोष देना कांग्रेस के नेताओं ने प्रारंभ कर दिया है।
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनी। इसके बाद कांग्रेस के चार अन्य विधायक भी पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।