Farmer Protest: किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दरअसल, किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं, ये किसान पंजाब हरियाणा समेत कई राज्यों से हैं। जबकि उनकी कई मांगे हैं। जोकि सरकार को मनवाने के लिए यह विरोध प्रदर्शन है। हालांकि किसान नेता का कहना है कि वह आम जनता को परेशान नहीं करना चाहते, बल्कि उनका मकसद सिर्फ सरकार से है। दरअसल इस किसान आंदोलन का पैटर्न 2020-21 में हुए किसान आंदोलन से काफी मिलता जुलता है। पिछली बार की तरह ही अलग-अलग राज्यों से किसान इस आंदोलन में शामिल होने वाले हैं।
कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा, “डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन भारत रत्न थे, हैं और रहेंगे लेकिन बात ये है कि जो सरकार डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न देती है, चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देती है, वही सरकार किसानों पर इतने अन्याय करती है। किसान संगठनों की तीन या चार मुख्य मांग है। सबसे बड़ी मांग ये है कि जो खेती की लागत का अनुमान किया जाता है वो स्वामीनाथन के दिए हुए फॉर्मुले पर किया जाए और 1.5 गुना खेती की लागत को MSP घोषित किया जाए। MSP की परिभाषा मोदी सेलिंग प्राइस नहीं है।”
किसानों की ये हैं मांगे
किसानों की मांग है एमएसपी कानून बनना, कृषि ऋण माफ करना, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग, डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए, कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर शुल्क कम, किसानों के लिए पेंशन योजना, फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए।