ISRO ने तैयार किया Female Robot
नई दिल्ली- अंतरिक्ष विज्ञान में भारत को सूपर पावर बनाने वाले इसरो ने अपने एक नए प्रयोग से फिर से सबको चौंकाया है। ISRO ने पहले मानव रहित गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजने के लिए महिला रोबोट (Female Robot) तैयार कर लिया है।
- हू बहू लड़कियों जैसा Female Robot
- गगनयान मिशन के लिए तैयार Robot
- Female Robot नाम है व्योमित्रा
इसका चेहरा बिलकुल लड़कियों की तरह है। बाल भी हू बहू लड़कियों जैसे हैं। नैन नक्श भी बिलकुल महिलाओं की तरह है। इसकी आवाज भी महिलाओं जैसी है। लेकिन ये कोई जीवित महिला नहीं है। बल्कि ये भारत के वैज्ञानिकों की बनाई देश की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री है। इनका नाम है व्योमित्रा। व्योमित्रा (vyomamitra) आज से कुछ महीने बाद गगनयान में बैठ कर अंतरिक्ष की सैर पर निकलेंगी जो गगनयान मिशन में बेहद फायदेमंद साबित होंगी।
पहली नजर में व्योमित्रा को देखकर पहचानना थोड़ा मुश्किल होगा कि ये कोई लड़की है या मशीन जबतक आप ध्यान से नहीं देखेंगे, सच नहीं जान पाएंगे। क्योंकि सिर्फ शक्ल ही नहीं व्योमित्रा को अक्ल भी इंसानों की तरह ही दी गई है। नाम की तरह व्योमित्रा का काम भी बहुत ही खास हैं। ये बात कर सकती है और लोगों को पहचान सकती है। और खुद ही अपने काम की जानकारी भी देती हैं।
व्योमित्रा इस मिशन के लिए क्यों अहम है
आपको बता दें कि 2022 में इसरो मानव मिशन गगन यान लॉन्च करने वाला है। लेकिन मिशन पर इंसानों को भेजने से पहले इसरो तीन टेस्ट मिशन भी भेजेगा। ये तीन टेस्ट मिशन मानवरहित होंगे। इसलिए इसरो ने महिला की शक्ल वाला ह्यूमनॉइड तैयार किया है, ‘हाफ ह्यूमनॉइड’ रोबॉट (Female Robot) अंतरिक्ष से इसरो को अपनी रिपोर्ट भेजेगा। जिसकी मदद से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष की सटीक वातावरण की जानकारी मिला पाएगी।
6 महीने बाद होगी गगनयान परिक्षण
इसके लिए ISRO दो चरणों में गगनयान का परिक्षण करेगा। व्योमित्रा को इसी साल दिसंबर में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। 6 महीने बाद जून 2021 में फिर से गगनयान का परिक्षण होगा। और 15 अगस्त 2021 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन के लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन भी हो चुका है। जो इसी साल रूस में 11 महीनों के लिए ट्रेनिंग करेंगे। इन कैंडिडेट्स की पहचान गुप्त रखी जा रही है। हां लेकिन ये जरूर बताया कि ये सभी भारतीय वायुसेना के पायलट्स हैं।
व्योमत्रा ह्यूमनॉइड को बनाकर विज्ञान के क्षेत्र में इसरो ने एक बार फिर से लंबी छलांग लगाई है। अब बस इंतजार है उस वक्त का जब मिशन गगनयाण सफल हो जाएगा और भारत का नाम एक बार फिर देश और दुनिया में विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा।