जी-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के लिए देश के कई पूर्व नेताओं को न्योता भेजा गया है। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हैं उन्होंने जी-20 के मौके पर कई मुद्दों पर बात की और भारत की सराहना की ।
सिंह ने कहा कि, जब दो या दो से अधिक देश संघर्ष में फंस जाते हैं तो अन्य देशों पर पक्ष चुनने का भारी दबाव आ जाता है।
बता दें कि मनमोहन सिंह 2004 से 2014 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि , ऐसे समय में भारत को जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए देखकर खुशी हो रही है जब विदेश नीति पहले की तुलना में आज कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
“मेरा मानना है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए हमारे संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही काम किया है।” पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह।
उन्होंने शी जिनपिंग के जी-20 सम्मेलन पे ना आने पर भी बात की । मनमोहन ने कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी-20 बैठक में शामिल नहीं होगें।
90 वर्ष के पूर्व पीएम सिंह ने कहा कि, वह भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने की तुलना में अधिक ‘आशावादी’ हैं और देश के सामने आने वाली चुनौतियों के संबंध में वह अधिक ‘आशावादी’ हैं क्योंकि यह स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है।
उन्होंने ISRO की सफल लॉन्चिंग पर भी अपनी भावनायें वयक्त की और उन सभी को धन्यवाद कहा , जो भी इस मिशन में शामिल थे ।