नई दिल्ली: Afghanistan– अफगानिस्तान में बढ़ती अराजकता और हिंसा की तस्वीरें काफी निंदनीय है। तालिबान की बढ़ते हौसलें और ताकत अफ़ग़ान सरकार के लिये काफी मुश्किलें खड़ी कर चूका हैं। एक तरीके से तालिबान ने जैसे अफ़ग़ानिस्तान की नीव ही हिला दी हो। तालिबान अपनी ताकत और बुलंद हौसलों के चलते अफ़ग़निस्तान की राजधानी के कई बड़े क्षेत्रों में अपने कदम जमा चूका है।
बता दें, अमरीकी सरकार से भी मदद लेने के बावजूद भी अफ़ग़ान सरकार की मदद नहीं हो पा रही है। तालिबान अब राजधानी काबुल की और अपने कदम बड़ा रहा है। कुछ ही दिनों में तालिबान अपनी बढ़ती ताकत के साथ राजधानी में भी अपना झंडा फेहरा सकता है ।
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Afghanistan: तालिबान को ‘सत्ता-साझाकरण” डील पेश
इसी डर की वजह से अफ़ग़ान सरकार ने देश की सुरक्षा ,शांति और तालिबान को ख़त्म करने के लिये तालिबान को ‘सत्ता-साझाकरण’ सौदे यानी पावर-शेयरिंग डील पेश की है, वहीं तालिबान द्वारा गवर्नर दाउद लघमनी और राष्ट्रीय पुलिस से गजनी प्रांत पर कब्जा करने के बाद ये खबर सामने आई है। गवर्नर के अंगरक्षकों को कथित तौर पर निरस्त्र कर दिया गया है, और दोनों पक्षों के बीच समझौते के लिए काबुल ले जाया जायेगा।
दरअसल, अफगानिस्तान सरकार ने कतर को मध्यस्थ के रूप में ये प्रस्ताव पेश किया है। काबुल का प्रस्ताव तालिबान को देश में हिंसा को रोकने के बदले में सत्ता साझा करने की अनुमति देता है।