नई दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत योजना (Aatm Nirbhar Bharat Yojana) के तहत के जहाँ एक तरफ सरकार (Indian Government) देश में निर्माण की क्षमता को बढ़ाने का दंभ रही है और देश भर में चाइनीज वस्तुओं (Chinese Products) के बहिष्कार की बात हो रही है, वही दूसरी तरफ सरकार की तरफ से दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को मिलने जा रहा है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (High Speed Rail Corridor) का ठेका एक चीनी कंपनी को मिलने पर विपक्ष ने कड़ी नाराज़गी जताई है और सरकार के दावों पर सवाल खड़े किये हैं।
High Speed Rail Corridor का ठेका चाइनीज कंपनी STEC को
दरअसल केंद्र सरकार (Union Government) की तरफ से दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System) का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसके तहत अंडरग्राउंड स्ट्रेच बनाने के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई थी, लेकिन बाज़ी जीती चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (STEC) ने। वही चाइनीज कंपनी को देश में बनने वाले हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका मिलने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
स्वदेशी जागरण मंच ने की ठेका रद्द करने की मांग
एक तरफ जहाँ कांग्रेस (congress) ने चाइनीज कंपनी को देश में बनने वाले हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका मिलने पर आपत्ति जताई है और मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ स्कीम पर सवाल खड़े किये हैं, वही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (Swadeshi Jagaran Manch) ने भी इस कॉन्ट्रैक्ट पर आपत्ति जताई है। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि इस कॉन्ट्रैक्ट को किसी भारतीय कंपनी (Indian Company) को दिया जाये। मंच ने कहा कि यदि सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाना है तो ऐसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में चीनी कंपनियों को शामिल होने का अधिकार ही नहीं देना चाहिए।
भारत में चत रहा है चाइनीज वस्तूओं के बहिष्कार का अभियान
बता दें कि चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच देश भर में चाइनीज सामानों के बहिष्कार का अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है। कोरोना वायरस को लेकर जब मोदी सरकार (Modi Government) की तरफ से राहत पैकेज (Economic Package) का ऐलान किया था, तो सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था और लोकल मार्केट को बढ़ावा देने की बात कही थी। वही इन सबके बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका एक चाइनीज कंपनी को मिलने से आम लोगों में भी इसको लेकर नाराज़गी देखने को मिल रही है।