नई दिल्ली : Afghanistan Crisis: अफ़ग़ानिस्तान के बिगड़ते हालात सभी के सामने है। तालिबान की बढ़ती दहशत लोगों को अपना मुल्क छोड़ने पर मज़बूर कर रही है। भले ही तालिबान प्रमुख प्रवक्ता कह चुके है की वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचना चाहते, वह बिलकुल शांतिपूर्ण तरीके से देश पर अपना शाशन करना चाहते है। लेकिन तालिबान एक आतंकी संगठन है, जिस पर लोगों का भरोसा करना मुश्किल है।
Afghanistan Crisis :अफ़ग़ानिस्तान जमीन पर बढ़ती बर्बरता
तालिबान ने 20 साल पहले भी अफगानिस्तान पर अपनी जीत हासिल की थी, तालिबान के राज में उस वक़्त महिलाओं ,छोटी बच्चियों से बदसलूकी की तस्वीरें सामने आती रहती थी, तालिबान ने उस वक़्त इस्लाम की परिभाषा ही बदल दी थी और अब 20 साल बाद जब वापस आया है तो दुगनी ताकत और बढ़ते हौसले के चलते आज अफ़ग़ानिस्तान जमीं पर खूब बर्बरता नज़र आ रही है। यही कारण है की अफगानी नागरिकों का तालिबान पर भरोसा करना मुश्किल साबित हो रहा है।
अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा पाकिस्तान की मदद
बता दें, तालिबान ने 20 साल पहले भी अफ़ग़ानिस्तान पर अपना कब्ज़ा कर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मदद की थी कंधार प्लेन हाईजैक के बारे में जब जानते है तब तालिबान ने नेपाल के काठमांडू से दिल्ली जाने वाला था, लेकिन तालिबान के इशारे पर कंधार, अफ़ग़ानिस्तान पहुंच गया था. प्लेन हाईजैक करने का मकसद सिर्फ हिंदुस्तान से पाकिस्तानी आतंकियों को छुड़ाना था। भारत सरकार ने साल 1999 में अपने हिंदुस्तानी यात्रियों को बचाने के लिये ,तीन आतंकियों मसूद अजहर, उमर शेख और अहमद जरगर को छोड़ा था। उस वक़्त भी कश्मीर के युवकों को अपना निशाना बनाया गया था।
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यही डर अब हिंदुस्तान को एक बार फिर सता रहा है ,पाकिस्तान अफ़ग़निस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान के कब्ज़े पर उसकी तारीफ कर चूका है। इधर चीन भी तालिबान से अपने सुर मिलाने की कोशिश कर रहा है। इन दोनों से ही भारत के संबंध अच्छे नहीं है। यही कारण है की भारत ने अफगानिस्तान के हालातों को मद्देनजर रखते हुए, अपनी सभी सुरक्षा एजेंसियों को आगाह कर चौकन्ना रहने के लिए कहा दिया हैं। ताकि हर छोटी बड़ी हरकत की निगरानी हो सके।
भारत में आतंकी हमलों को नाकाम करने की क्षमता पहले के मुकाबले कहीं अधिक
सूत्रों का यह भी दावा है कि भारत में आतंकी हमलों को नाकाम करने की क्षमता पहले के मुकाबले कहीं अधिक है। हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आतंकी फिर भी कुछ हरकतों को अंजाम देने में कामयाब हो सकते हैं. लेकिन जम्मू-कश्मीर या भारत के किसी अन्य भाग को अलग करना उनके लिए असंभव है.
सूत्रों के अनुसार पाक आतंकी अब अफ़ग़ान जमीं पर सत्ता में हिस्सेदारी की भी तैयारी कर रहे हैं. वहीं तालिबान समूह ने काबुल समेत अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में अपनी चौकियां भी बना ली हैं.