नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव (India China Dispute) बीच अब भारत सरकार (Government Of India) चीन को लेकर सख्त रूख अख्तियार कर रही है। चीनी सैनिकों (China Army) द्वारा भारतीय सेना (Indian Army) को निशाना बनाते हुए किये गए हमले में 20 जवानों के शहीद होने के बाद देश भर में चीन को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है, वही अब सरकार ने भी ड्रैगन को सबक सिखाने का मन बना लिया है। चीन के किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए भारत-चीन सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, साथ ही देश की तीनों सेनाओं को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
India China Dispute : चीन की धोखेबाज़ी से देश भर में उबाल
बता दें कि चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी सैनिकों की इस धोखेबाज़ी को लेकर अब देश भर में चीन के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है और चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील जोर पकड़ने लगी है। चीन को सबक सिखाने के लिए भारत सरकार ने देश की टेलीकॉम सेक्टर में चीनी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को बंद करने के लिए `सरकारी टेलीकॉम कंपनी को आदेश जारी किये हैं, साथ ही प्राइवेट सेक्टरों को भी इस तरह के कदम उठाने के लिए कहा गया है।
सरकार ने सड़क निर्माण कार्य में तेज़ी लाने के दिए निर्देश
बता दें कि लद्दाख में भारत द्वारा सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर चीन को आपत्ति है। इस सड़क के निर्माण से भारतीय सेना का सीमा तक पहुंचना आसान हो जायेगा, जिससे चीन असहज महसूस कर रहा है। वही चीन की आपत्ति को दरकिनार करते हुए सरकार ने सड़क निर्माण के कार्य में तेज़ी लाने के निर्देश दिये हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण सड़क निर्माण का कार्य धीमा हो गया था, जिसे अब तेज़ करने के निर्देश दिए गए हैं। लॉकडाउन की वजह से जो मजदूर वापस अपने घर चले गए थे, उन्हें सड़क निर्माण के लिए वापस सीमा पर भेजा जा रहा है।
आर्थिक मोर्चे पर ड्रैगन को सबक सिखाने की तैयारी
इधर देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को आदेश दिया कि वह अपने विभाग में मेड इन चाइना सामान की उपयोगिता को कम करें। 4जी के लिए जो टेंडर जारी किए गए हैं, उन्हें रद्द करें और फिर से जारी करें ताकि चीनी कंपनियां इसका हिस्सा ना बन सकें। इसके अलावा भी कई सरकारी परियोजनाओं में चीनी कंपनियों को मिले ठेके पर पुनर्विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि ड्रैगन को सबक सीखने के लिए सरकार इन तमाम कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द कर नए सिरे से टेंडर जारी कर सकती है।